
बिलासपुर राज्य सरकार द्वारा अधिकारी एवं कर्मचारियों का इंटीमेट रोके जाने के आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।. इस याचिका में कहा गया है कि सभी कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा शासन के आदेश अनुसार वह स्वेच्छा से भी कुछ महीनों से अपना 1 दिन का वेतन कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए सरकार के फंड में दिया जा चुका है उसके बावजूद छत्तीसगढ़ शासन का कर्मचारी और अधिकारियों के इंक्रीमेंट और महंगाई भत्ते को रोकने का निर्णय पूरी तरीके से गलत है । वार्षिक वेतन वृद्धि जो इंक्रीमेंट के रूप में कर्मचारियों अधिकारियों को दी जाती है एवं महंगाई भत्ता कर्मचारी संघों से बिना विचार विमर्श किए रोक दी गई है। ज्ञात हो कि महंगाई भत्ते की किस्त कर्मचारियों को नहीं दी जा रही है ऊपर से वार्षिक वेतन वृद्धि भी रोक जारी है जो कि अन्याय पूर्ण एवं अनुचित है ।यह याचिका छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रमोद पाठक ने दायर की है