जिला पंचायत सूरजपुर में उड़ाई जा रही स्थानांतरण नीति की धज्जियां.. एक वर्ष पूर्व जारी तबादला आदेश का नही हुआ पालन.. वर्तमान सीईओ को नही है, तबादला आदेश की जानकारी…?
राकेश पाठक
सूरजपुर। शासन प्रशासन में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी स्थानांतरण नीति की किस प्रकार धज्जियाँ उड़ाते हैं इसका जीता जागता उदाहरण जिला पंचायत सूरजपुर से सामने आया है। इस कार्यालय से जुड़े अधीनस्थ कर्मचारियों का तबादला तो जरूर होता है परंतु स्थानांतरित हो चुके कर्मचारी तबादला आदेश का पालन करने के बजाय उस तबादला आदेश को ही ठेंगा दिखा देते हैं। खराब प्रशासनिक सिस्टम जहां इन दिनों लोगों के बीच मे चर्चा का विषय बना हुआ है तो वहीं दूसरी ओर जिला पंचायत कार्यालय की जमकर किरकिरी भी हो रही है। मामला बीते वर्ष 6 जून 2023 का है जब उस वक्त के तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ के द्वारा जिले के सभी छः जनपद पंचायतों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग में विकासखण्ड परियोजना प्रबंधक के पद पर पदस्थ सभी छः कर्मचारी प्रबंधकों को जिले के अलग-अलग जनपद कार्यालयों में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया था, तथा जारी तबादला आदेश को तत्काल पालन करने को निर्देशित किया गया परन्तु इस तबादला आदेश को जारी हुये लगभग एक वर्ष होने को है इस दौरान प्रदेश में सरकार भी बदल गयी साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी बदले जा चुके हैं। बाउजूद इसके स्थानांतरित किये गये कर्मचारियों को अभी तक कार्यमुक्त नही किया गया है और न ही उनके स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाया गया है वे नियम विरुद्ध तरीके से अपने कुर्सी पर डेरा जमाए बैठे हुये हैं।
कमीशनखोरी का लग रहा आरोप
मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में जनपद स्तर में पदस्थ कर्मचारी प्रबंधकों के द्वारा इस योजना का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। शासन द्वारा इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को प्रदाय किये जा रहे अनुदान राशि से लेकर बैंक द्वारा प्रदाय ऋण राशि तक मे मोटी रकम कमीशन के नाम पर वसूली जा रही है। बीते दो वर्षों में जिन समूहों को विभिन्न कार्य करने के नाम पर ऋण प्रदाय किया गया है उनमें से ज्यादातर समूह कार्य प्रारंभ नही किये हैं और ऋण की पूरी राशि हजम कर लिये हैं। जिस विकासखण्ड में नियम विरुद्ध तरीके से ऋण प्रदाय करने का आरोप लग रहा है उसमें भैयाथान का नाम पहले नंबर पर है । यही कारण है कि विभाग में कसावट लाने व योजना का बेहतर संचालन हो उसके लिये पूर्व जिला पंचायत सीईओ के द्वारा प्रबंधकों का तबादला किया गया था पर ले देकर उस तबादला आदेश को भी दबा दिया गया ।
वर्तमान सीईओ को नही है, तबादला आदेश की जानकारी
विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में पदस्थ सभी कर्मचारी प्रबंधकों का तबादला आदेश जारी उस समय के तत्कालिन जिला पंचायत सीईओ सुश्री लीना कोसम के द्वारा किया गया था परंतु जिले विभागीय अधिकारियों ने स्थानांतरित कर्मचारियों से सांठ गांठ कर उन्हें कार्यमुक्त नही करने दिया बाद में कुछ माह पश्चात जिला पंचायत सीईओ का ट्रांसफर हो गया और अधिकारियों ने उस तबादला आदेश की भनक वर्तमान जिला पंचायत सीईओ को लगने ही नही दिया।
मुझे कार्यालय में पदभार ग्रहण किये कुछ ही माह हुये हैं ,मामला एक वर्ष पुराना है । तबादला आदेश के बारे में मुझे जानकारी नही है किस कारण कर्मचारियों को कार्यमुक्त नही किया गया है इसकी जानकारी ली जाएगी। वर्तमान में आचार सहिंता लगा हुआ है 4 जून के बाद इस मामले में उचित कार्यवाही की जाएगी।
कमलेश नंदनी साहू
सीईओ जिपं सूरजपुर