शिक्षा

चार वर्षीय ग्रेजुएट डिग्री वाले छात्र अब सीधे पीएचडी करने और नेट की परीक्षा में शामिल होने के लिए एलिजिबल: UGC प्रमुख जगदीश कुमार

नई दिल्ली ।यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के अध्यक्ष, जगदीश कुमार ने पीएचडी करने और नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) में बैठने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में एक जरूरी बदलाव की घोषणा की है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा कि अब नए दिशानिर्देशों के तहत, चार साल की ग्रेजुएशन डिग्री (UG) वाले छात्र अब सीधे पीएचडी करने और नेट देने लिए एलिजिबल होंगे।
बता दें जिन छात्रों ने मास्टर डिग्री यानी किसी भी विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है, वे NET देने के लिए एलिजिबल माने जाते हैं, लेकिन अब चार साल की ग्रेजुएशन डिग्री (UG) वाले छात्र भी NET दे सकते हैं। जो छात्र भविष्य में पीएचडी करना चाहते हैं, उनके लिए एक अच्छा मौका है

आपको बता दें, पीएचडी और नेट के लिए चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट डिग्री वाले सिर्फ वही छात्र आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने अपने ग्रेजुएशन कोर्सेज में न्यूनतम 75% अंक प्राप्त किए हैं। पहले, NET में बैठने के लिए छात्रों को न्यूनतम 55% अंकों के साथ मास्टर डिग्री की आवश्यकता होती थी।
इसी के साथ अध्यक्ष, जगदीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि चार साल की अंडरग्रेजुशन डिग्री वाले छात्र अब अपने चुने हुए विषय में पीएचडी कर सकते हैं, भले ही उन्होंने ग्रेजुएशन किसी भी विषय में की हो।
इसके अलावा, यूजीसी अध्यक्ष ने कुछ कैटेगरी जैसे एससी, एसटी, ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर), अलग-अलग विकलांग व्यक्तियों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उम्मीदवारों लिए अंकों में छूट के प्रावधान पर प्रकाश डाला है। कुल मिलाकर, ये परिवर्तन पीएचडी करने वाले छात्रों को बढ़ावा देने का कार्य करेगा।

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