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सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय का निधन… छोटे शहरों और गांव के छोटे निवेशकों का क्या होगा. क्या उनका पैसा वापस मिल सकेगा?

सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार को निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली. वह 75 साल के थे.

सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. उनका पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी.

सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया में हुआ था, रॉय की गिनती भारत के बड़े बिजनेसमैनों में होती थी. उन्होंने देश में सहारा ग्रुप का एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया जो कि रियल एस्टेट के साथ अन्य क्षेत्रों तक फैला रहा.

व्यापार की दुनिया में बुलंदियों को छूने के बाद सहारा प्रमुख को कानून चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा. 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी और सहारा ग्रुप के साथ एक विवाद के संबंध में अदालत में अनुपस्थित होने की वजह से उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया था. विवाद की वजह से सहारा प्रमुख कई महीने तक तिहाड़ जेल में भी रहे. हालांकि, बाद में शर्तों के साथ कोर्ट ने उन्हें पैरोल पर रिहा कर दिया था वे भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे. उन्हें देशभर में ‘सहाराश्री’ के नाम से भी जाना जाता था.

सुब्रत राय सहारा के निधन के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अब खासकर गांव में रहने वाले छोटे निवेशकों का क्या होगा. क्या उनका पैसा वापस मिल सकेगा?

सहारा रिफंड पोर्टल लांच

बता दें कि देशभर के लाखों निवेशकों का पैसा सहारा इंडिया में फंसा हुआ था. सहारा में निवेश के मैच्योरिटी पूरी होने के बाद भी लोगों का पैसा वापस नहीं मिल रहा था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निवेशकों में आस जगी थी. इसी साल जुलाई में केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने फैसला लेते हुए सहारा रिफंड पोर्टल लांच किया था. इसके बाद करीब 10 करोड़ निवेशकों को बड़ी खुशखबरी मिली थी. इसके तहत उन निवेशकों का पैसा वापस मिलता था. जिनकी मैच्योरिटी पूरी हो चुकी थी.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

वहीं, इससे पहले सहारा के निवेशकों को लेकर सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी और कोर्ट ने 5,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. सहारा में निवेश करने वाले अधिक लोग छोटे निवेशक हैं, जिन्होंने अपनी जमापूंजी सहारा इंडिया में जमा की थी. इन निवेशकों में सबसे अधिक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से हैं. केंद्रीय सहकारिता मंत्री के द्वारा लांच किए गए पोर्टल में शुरुआती चरण में 10 हजार रुपये तक का दावा कर सकते हैं. ऐसे करीब 4 करोड़ निवेशक हैं, जो 10 हजार रुपये तक पाने के पात्र हैं.

छोटे निवेशकों के पैसे वापस

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के पहल के बाद अगस्त से सहारा इंडिया की 4 सहकारी समितियों में जमा छोटे निवेशक करोड़ों रुपये की जमापूंजी लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. इस दौरान 112 छोटे निवेशकों के खाते में 10 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि अब तक 18 लाख निवेशकों ने ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ पर रजिस्ट्रेशन कराया है और 112 निवेशकों के बैंक खाते में करीब 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए गए हैं. ऑडिट पूरा होने के बाद अगली किस्त भी जल्द ही ट्रंसफर कर दी जाएगी और आने वाले दिनों में सभी निवेशकों का पैसा वापस मिलेगा. सरकार की जिम्मेदारी है कि निवेशकों का पैसा वापस मिले.

हालांकि, अब जब सहारा श्री का निधन हो गया है तो छोटे निवेशकों को यह चिंता सताने लगी है कि क्या पोर्टल में रजिस्ट्रेशन के बाद उनको पैसा वापस मिल सकेगा.

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