सूरजपुर

रेत के अवैध कारोबार से भड़के ग्रामीणों ने की कलेक्टर से शिकायत.. ठेका मिला नही, और बेच दी करोङो की रेत, सवालों के घेरे में जिम्मेदार अधिकारी

राकेश पाठक हिन्द शिखर न्यूज़ सुरजपुर। जिले के भैयाथान विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत जुर में चल रहे रेत के अवैध कारोबार से भड़के ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत प्रस्तुत कर कड़ी कार्यवाही की मांग किये हैं। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए अपनी शिकायत में बताया है कि ब्लाक मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम जुर में जेसीबी मशीन से भारी मात्रा में रेत उत्तखनन कर नदी किनारे भंडारण किया जा रहा है। परन्तु मुख्यालय के इतने करीब में हो रहे इस अवैध उत्तखनन को किसी भी अधिकारी द्वारा नही रोका गया, आलम यह है कि रेत माफ़िया बिना अनुमति के निर्भीक होकर धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्तखनन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने अपनी शिकायत में आगे बताया है कि रेत माफियाओं के द्वारा जिस प्रकार से नदीयों का सीना छल्ली करते हुए रेत का खनन कराया जा रहा उसके कारण नदियों के अस्तित्त्व में संकट मंडरा रहा है साथ ही पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो रहा है, ग्रामीणों के बताए अनुसार माफिया रेत का उत्तखनन कर बड़ी- बड़ी ट्रकों में उत्तरप्रदेश भेज रहे हैं ग्राम में आय दिन भारी वाहनों के आवाजाही से डामरीकृत सिंगल लेन की सड़क भी काफी छती ग्रस्त हो चुकी है । जुर के ग्रामीणों ने इस अवैध उत्तखनन पर सवालिया निशान लगाते हुए प्रशासन पर भी मौन साधने का आरोप लगाया और रेत माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही करने का आग्रह किया है।

प्रशासन ने साधी चुप्पी

ऐसा नही है कि रेत माफियाओं के द्वारा एक मात्र ग्राम जुर में ही रेत का अवैध उत्तखनन कराया जा रहा है बल्कि भैयाथान ब्लाक के कई हिस्सों में रेत का अवैध उत्तखनन धड़ल्ले से किया जा रहा है और अन्य प्रदेशों में भेजा रहा है । प्रशासन भी कई मर्तबा कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति करते हुये परिवहन में लगे छोटे मझोले ट्रैक्टरों व अन्य वाहनों को पकड़ कर खूब वाहवाही लूटने का असफल प्रयास कर चुकी है पर अभी तक बड़े -बड़े रेत माफियाओं तक उसकी हांथ नही पहुंची है, या फिर यह कहना अतिशयोक्ति नही होगा कि कहीं प्रशासन कार्यवाही के लिए किसी के आदेश के इंतजार में तो नही है। अलबत्ता जो भी हो पर एक बात तो साफ है कि रेत के इस अवैध उत्तखनन से जहां रेत माफिया लाखों करोड़ों की कमाई कर रहे हैं तो वहीं शासन व प्रशासन को लाखों करोड़ों में राजस्व की छती भी हो रही है।

‘ठेका मिला नही और बेच दी करोड़ों की रेत’

छत्तीसगढ़ शासन ने राजस्व में बढ़ोतरी व अवैध रेत उत्तखनन पर लगाम लगाने के एवज में रेत खदानों को ठेका प्रथा से जोड़ने का फैसला तो ले लिया पर कितनी राजस्व की कमाई शासन को हो रही ही यह तो छत्तीसगढ़ सरकार ही बता सकती है पर अवैध उत्तखनन पर लगाम लगाने का पूरा फार्मूला शासन का फेल हो चुका है, विभागीय अधिकारियों के बेहतर क्रियान्वयन व सतत निगरानी के अभाव के कारण रेत का अवैध उत्तखनन रुकने के बजाये और तेजी से बढ़ गया है। खनिज विभाग के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत प्रादय की गई जानकारी में रेत खनन से जुड़ा एक चौकाने वाला मामला सामने आया है । प्राप्त जानकारी के अनुसार भैयाथान ब्लाक के ग्राम खोपा रेण नदी व सुरजपुर ब्लाक के ग्राम उमेशपुर गोबरी नदी के रेत खदान आवंटन की प्रक्रिया अभी लंबित है बाउजूद इसके कई महीनों से इन नदियों से रेत का उत्तखनन कराया जा रहा है और अन्य प्रदेशों में बेचा जा रहा यहां तक कि बरसात के दिनों में रोक के बाउजूद भी इन स्थानों से करोङों का रेत बेच दिया गया। खास बात यह है कि जब इन स्थानों में रेत खुदाई करने का आदेश ही नही मिला है तो किसके सह पर यह खुदाई की गई। इसी प्रकार सूरजपुर जिले में कई स्थान ऐसे हैं जहां की ठेके की प्रक्रिया अभी विभाग में लंबित है फिर भी उन स्थानों पर धड़ल्ले से अवैध खनन करायी जा रही है।

शिकायत के बाद भी नही हुई कार्यवाही

ग्राम जुर के सरपंच रामसुंदर सिंह ने बताया कि ग्राम में हो रहे रेत के इस अवैध उत्तखनन को लेकर 13 अक्टूबर को कलेक्टर जनसंवाद में शिकायत प्रस्तुत किया गया पर किसी भी अधिकारी के द्वारा खनन रोकने के लिए कोई पहल नही किया गया, जबकि उन्हें बताया गया था कि आज रात ट्रकों में रेत लोड किया जाएगा।पर किसी भी अधिकारी के द्वारा हमारे शिकायत पर ध्यान नही दिया गया और उसी रात आधे दर्जन से भी ज्यादा ट्रकों में रेत लोड कर उत्तरप्रदेश भेज दिया गया, इससे साफ पता चलता है कि रेत के इस अवैध उत्तखनन में प्रशासन पूर्ण संलिप्तता है। सरपंच ने यह भी कहा है कि अगर प्रशासन इस अवैध उत्तखनन पर रोक नही लगाती है तो हम ग्रामवासी उग्र प्रदर्शन हेतु बाध्य होंगे।

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