बलरामपुर

नहीं पहुंचे कलेक्टर.. इंतजार करते रह गए पंडो कोरवा आदिवासी, जिला प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों ने गुस्से में की जमकर नारेबाजी, प्रशासनिक लापरवाही से गरीबों को हो रही समस्या

इंतजार करते रह गए विशेष पिछड़ी पंडो कोरवा जनजाति के लोग, लेकिन समाधान शिविर में नहीं पहुंचे नवपदस्थ कलेक्टर, जिला प्रशासन के खिलाफ आदिवासियों ने कि जमकर नारेबाजी।

बलरामपुर जिले में लगातार पंडो जनजाति के लोगों की मृत्यु एवं समस्या को लेकर शासन-प्रशासन कितना भी गंभीर हो जाए पर मैदानी अमला शासन के सारी योजनाओं को विफल करने में लगी हुई है जिसका प्रमाण कल समाधान शिविर के आयोजन में देखने को मिला।

वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत सरना में आयोजित विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों के लिए समाधान शिविर का आयोजन किया गया था जहां पर 3 ग्राम पंचायतों के पहाड़ी कोरवा और पंडो जनजाति के सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हुए परंतु विभागीय अधिकारियों की अनुपस्थिति से विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग खासे नाराज देखने को मिले।

आने वाले थे कलेक्टर लेकिन आए नहीं..

ग्रामीणों को जानकारी मिली थी कि जिले के नवपदस्थ कलेक्टर यहां पहुंचेंगे स्थानीय ग्रामीण दिनभर इंतजार करते रह गए लेकिन कलेक्टर नहीं पहुंचे। पंडो, कोरवा जनजाति के लोगों ने जिला प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए दिखावे की समाधान शिविर बंद करने की मांग की पंडो जनजाति के लोगों ने समाधान शिविर में मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने की मांग की परंतु सक्षम एवं नियत किए गए नोडल अधिकारियों की अनुपस्थिति से मायूस नजर आए।

नाराज ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ कि जमकर नारेबाजी

उपस्थित विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों ने नारेबाजी करते हुए शासन प्रशासन को होश में आने की बात कही है पंडो जनजाति के लोगों ने बताया कि योजनाओं का सबसे ज्यादा शोषण ग्राम पंचायत के सचिव सरपंचों के द्वारा किया जाता है, जिनकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से करके अपने समस्याओं के समाधान की मांग करनी थी।

ऐसे में अधिकारी आए ही नहीं तो इस समाधान शिविर के आयोजन का क्या औचित्य है इस शिविर में ग्राम पंचायत सरना, गैना एवं चवंरसरई के विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग उपस्थित थे सरना में आयोजित समाधान शिविर से यहां के विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग खासे नाराज देखने को मिले।

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