टूल किट विवाद में डॉ. रमन सिंह और संबित पात्रा को राहत, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का निर्देश, अगली सुनवाई तक नही होगी कोई कार्यवाही..
टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने टूलकिट मामले में अगली सुनवाई तक किसी भी तरह जांच और कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद अब पुलिस टूलकिट मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर पाएगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाना में संबित पात्रा और डॉ. रमन सिंह के खिलाफ गैरजमानती धाराओं में मामला दर्ज है। आरोप है कि इन्होंने कांग्रेस का फर्जी लेटरपैड ट्वीट किया है।वहीं इस आरोप पर संबित पात्रा और रमन सिंह ने कहा था कि पूर्वाग्रह से एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया है। बता दें कि इस मामले में जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी और वीएल संतोष पर भी प्रदेश के अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज है। सोमवार सुबह को रमन सिंह जहां इस मामले में गिरफ्तारी देने के लिए सिविल लाइन थाने पहुंच गए, वहीं दोपहर बाद पुलिस ने पूर्व सीएम के आवास पर पहुंच कर उनसे इस मामले में पूछताछ की है।
बता दें कि पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को थाने में नहीं घुसने दिया गया था। इसके बाद डॉ. रमन सिंह पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के साथ पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए थे। गौरतलब है कि कोरोना टूलकिट मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह और बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ रायपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों नेताओं को नोटिस भेजा था।
इस मामले पर सोमवार को रमन सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस को आड़े हाथों ले लिया। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने टूलकिट के जरिये पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा और देश को बदनाम करने की साजिश रची। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कहने पर छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं पर एफआईआर की गई। ये एफआईआर सिविल लाइन थाने से नहीं, बल्कि कांग्रेस कार्यालय से हुई है।