उदयपुर

मादा भालू एवं भालू के तीन बच्चों के हमले से घायल व्यक्ति के लिए संजीवनी बनी 108

लॉकडाउन मे अपना रोजी रोटी चलाना गरीबों के लिए दुभर होती जा रही है और प्राकृतिक आपदा आकर उनका तकलीफ और बढ़ा देती है. नान्हू राम पिता भूलन जाति पंडो उम्र लगभग 45 साल निवासी मृगाडांड अपना रोजी रोटी और सीजन का लाभ उठाने तेंदुपत्ता तोड़ने भोर से ही रामगढ़ के जंगल मे अपने साथियो के साथ गया हुआ था. करीब 8 बजे 3 भालू के बच्चों द्वारा पीछे से हमला कर दिया गया नान्हू अपने तरफ से बचने का प्रयास करने लगा तभी मादा भालू आ गयी और उसने भी हमला बोल दिया. वह चिल्लाते हुए घायल होके गिर गया. चीख पुकार सुनकर साथियो के द्वारा उसे बचाया गया. उसके सिर मे गंभीर चोट व बाया हाथ टूट गया. साथियो के द्वारा 108 को कॉल किया गया और ज़ब तक 108 पहुंचती खाट के माध्यम से जंगल से नीचे उतारा गया। भालू का हमला बहुत खतरनाक था इस अंदेशा से ड्यूटी स्टॉफ Emt कृष्णा श्रीवास व पायलट कृष्णा कुमार तुरंत केस के लिए रवाना हुए और दस मिनट के भीतर ग्राम में पहुंचकर घायल के जख्म का मरहम पट्टी करते हुए उसे उदयपुर CHC भर्ती कराया गया जहाँ प्राथमिक उपचार के दौरान घायल को 30 से अधिक टांके लगाए गए। आवश्यक दवाइयां देकर उसे 108 के माध्यम से बेहतर उपचार हेतु जिला अस्पताल रिफर कर दिया गया।इस घटना के देखरेख मे हॉस्पिटल ड्यूटी स्टॉफ डॉ ए आर जयंत, अंजना भगत स्टॉफ नर्स, ड्रेसर प्रदीप व कमलदीप सक्रिय रहे।

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