अंबिकापुर के ग्राम बढ़नी झरिया में जमीन की रजिस्ट्री और निर्माण कार्य मे लगी रोक
अम्बिकापुर / कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार अम्बिकापुर जनपद अंतर्गत वन ग्राम बढ़नी झरिया में पंडो जनजातियों के जमीन पर गैर जनजातियों द्वारा कब्जे की जांच एवं सर्वेक्षण के फलस्वरूप अम्बिकापुर के अनुविभगिय अधिकारी राजस्व द्वारा ग्राम बढ़नी झरिया में भूमि के रजिस्ट्री अनुबंध तथा किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर आगामी आदेशपर्यन्त रोक लगा दी गई है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री प्रदीप साहू ने बताया है कि नायब तहसीलदार अम्बिकापुर-2 के दारा के द्वारा अवगत कराया गया है कि ग्राम बढ़नी झरिया के अधिकांश शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अवैध रूप से काबिज कास्त किया गया है। ग्राम बढ़नी झरिया नारंगी क्षेत्र अंतर्गत आता है, अर्थात वन विभाग एवं राजस्व विभाग दोनो के अभिलेखों में इसकी प्रविष्टि नहीं है। वर्तमान में ग्राम का राजस्व विभाग द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। इसलिए ग्राम में स्थित भूमि का नोटरी के माध्यम से अवैध अंतरण एवं नवीन निर्माण का काम तेजी से प्रारंभ हो गया है। नायब तहसीलदार अम्बिकांपुर-2 के द्वारा ग्राम बढनी झरिया में भूमि के अंतरण को रोकने के लिए समस्त नोटरी को निर्देशित कर सर्वेक्षण कार्य की समाप्ति तक ग्राम बढ़नी झरिया के समस्त स्थायी एवं अस्थाई निर्माण पर रोक लगाये जाने के प्रस्ताव के आधार वन ग्राम बढ़नी झरिया के सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने तक वन ग्राम बढ़नी झरिया के समस्त प्रकार की भूमियो के नोटरी के समक्ष पंजीयन,अनुबंध-पत्र एवं कब्जे के अंतरण के निष्पादन पर रोक लगाया गया है। इसके साथ ही साथ वन ग्राम बढ़नी झरिया के समस्त भूमियों पर किसी भी प्रकार के अस्थाई तथा स्थाई सरंचना के निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए न्यायालय के आगामी आदेश पर्यन्त तक यथास्थिति बनाये रखे जाने का आदेश पारित किया गया है। यदि किसी भी व्यक्ति के द्वारा पण्डो विशेष पिछड़ी जनजाति के व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का शासकीय एवं वनभूमि भूमि संबंधित पंजीयन, अनुबंध अथवा कब्जे के अंतरण के संबंध में दस्तावेजो का पंजीयन तथा अनुबंध कराया जाना पाया जाता है तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी और यदि किसी भी व्यक्ति के द्वारा इस स्थगन आदेश के उल्लंघन में निर्माण कार्य किया जाता है, तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही कर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। पण्डो जनजाति के व्यक्तियों को जांचोपरांत उनके भूमि पर निर्माण कार्य की अनुमति प्रदान की जाएगी।