अम्बिकापुर

आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने सीएम भूपेश बघेल से पिलखा पहाड़ को ईको-टूरिज्म पार्क के रूप में विकसित करने की मांग की

अम्बिकापुर । जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 2 से सदस्य आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने सीएम भूपेश बघेल को ज्ञापन के माध्यम से पिलखा पहाड़ को ईको-टूरिज्म पार्क के रूप में विकसित करने की मांग की है। उन्होंने ज्ञापन में लिखा है कि मेरे जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-2 अंतर्गत पिलखा पहाड़ है जो वन क्षेत्र होकर वन विभाग के अधीन है। पुराने समय से लोगों के लिये उक्त क्षेत्र आकर्षण का केन्द्र रहा है क्योंकि यहाँ पर काफी संख्या में जंगली जानवर रह रहे हैं तथा वहाँ की नैसर्गिक सुंदरता देखते ही बनती है। अम्बिकापुर के करीब होने के कारण और कम ध्यान देने के कारण अब वहाँ वन्य प्राणी लगभग विलुप्त हो चुके हैं और संरक्षण का भी काम और किया जाना चाहिये अभी भी वहाँ की बची हुई नैसर्गिक सुंदरता के कारण काफी संख्या में लोग उक्त स्थान पर पिकनिक मनाने पहुँचते हैं। आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने लिखा है कि पिलखा पहाड़ को यदि वन विभाग के माध्यम से उक्त वन क्षेत्र को ईको-टूरिज्म पार्क के रूप में विकसित किया जाता है तो जिला पंचायत क्षेत्र, अम्बिकापुर शहर, सरगुजा जिला एवं सम्पूर्ण प्रदेश के लिये एक राष्ट्रीय धरोहर के रूप में उभरेगा, जहाँ पर इस ईको टूरिज्म जोन से न केवल जानवरों का संरक्षण होगा, वृक्षों का संरक्षण होगा, जल स्त्रोतों का संरक्षण होगा, वहाँ पैदा होने वाले कई औषधिय पौधों का विकास होगा बल्कि कई युवाओं एवं युवतियों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। ऐसा करने से प्रदेश के विकास में यह एक मील का पत्थर साबित होगा। पिलखा पहाड़ पर वाइल्ड लाईफ टूरिज्म तथा एडवेंचर स्पोटर््स को बढ़ाया जाना चाहिये जिसमें कैम्पिंग, ट्रेकिंग, नाईट सफारी, जंगल ट्रेन, इलेक्ट्रिक वाहन एवं अन्य एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों का संचालन होना चाहिये। दुनिया में कई ऐसे छोटे-छोटे देश हैं जहाँ पर ऐसे छोटे-छोटे ईको टूरिज्म वाइल्ड लाईफ एडवेंचर पार्कस बनाये गये हैं जिससे क्षेत्र का विकास होता है, क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं, पर्यावरण एवं जंगली जानवरों का संरक्षण होता है, साथ-साथ शासन को भी वित्तीय लाभ होता है।
यदि मुख्यमंत्री जी के द्वारा पिलखा पहाड़ को ईको टूरिज्म पार्क के रूप में विकसित करने हेतु वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जाती है तो निश्चित ही इसका लाभ सम्पूर्ण सरगुजा को मिलेगा।

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