बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न, केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान, जदयू ने जताया आभार
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाएगा। इस बात की घोषणा मोदी सरकार ने मंगलवार देर शाम की। इस ऐलान के बाद जेडीयू ने मोदी सरकार का आभार व्यक्त किया है।
कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा, ‘हमें 36 साल की तपस्या का फल मिला है। मैं अपने परिवार और बिहार के 15 करोड़ लोगों की तरफ से मोदी सरकार को धन्यवाद देता हूं।’
कर्पूरी ठाकुर को पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे। कर्पूरी ठाकुर का जन्म शताब्दी समारोह 24 जनवरी को पटना में धूमधाम से मनाया जाएगा। इसको लेकर जनता दल यूनाइडेट ने पूरे बिहार में अभियान चला रखा है।
कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार डिप्टी सीएम रहे। वह बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। उन्होंने पहली बार 1952 में विधानसभा चुनाव जीता था। 1967 में कर्पूरी ठाकुर ने डिप्टी सीएम बनने पर बिहार में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था।
सामाजिक व्यवस्था परिवर्तन में कर्पूरी के आदर्श जेपी, लोहिया व आचार्य नरेन्द्र देव थे। कर्पूरी के पहले समाजवादी आंदोलन को खाद उच्च वर्ग से ही मिलती थी। कर्पूरी ने पूरे आंदोलन को उन लोगों के बीच ही रोप दिया, जिनके बूते समाजवादी आंदोलन हरा हुआ था। वह 1970 में जब सरकार में मंत्री बने तो उन्होंने आठवीं तक की शिक्षा मुफ्त कर दी। उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया। पांच एकड़ तक की जमीन पर मालगुजारी खत्म कर दी।