किस राज्य को मिले कितने कोरोना के डोज और कहां हुई टीके की सबसे अधिक बर्बादी, देखें पूरी लिस्ट
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. अब लगातार डेढ़ लाख से अधिक संक्रमण के मामले पाए जा रहे हैं. इस बीच केंद्र और राज्य सरकारों के बीच कोरोना वैक्सीन की डोज को लेकर खींचतान देखने को मिल रही है. देश में शुरू हुए ‘टीका उत्सव’ (Tika Utsav) के पहले दिन रविवार शाम तक 27 लाख से ज्यादा कोविड-19 रोधी टीके की खुराक दी गई हैं. इसके साथ ही देश में अब तक टीके की 10,43,65,035 खुराक दी जा चुकी है.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि हमारे टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक नहीं है. वहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों से वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन खत्म होने की खबरें भी आई. एक तरफ जहां कोरोना वैक्सीन की कमी की बात सामने आ रही है. वहीं, दूसरी तरफ वैक्सीन की बर्बादी भी बड़ी मात्रा में हो रही है.
यह पहली बार है, जब इतने कम समय में किसी भी महामारी की वैक्सीन तैयार हुई है.
किस राज्य को मिला कितना टीका और पाइपलाइन में हैं कितने डोज
राज्य / वैक्सीन मिले/ कितने मिलनेवाले हैं
आंध्र प्रदेश 3,794,920/ 1,458,170
बिहार 4,644,08/ 1,096,890
उत्तरप्रदेश 9,209,330/ 4,798,450
उत्तराखंड 1336,100/ ———
ओडिशा 4,344,140/ 200,000
मध्य प्रदेश 5,819,530/ 3,376,220
महाराष्ट्र 10,619,190/ 1,943,280
राजस्थान 10,495,860/ 383,260
जम्मू कश्मीर 1,351,600/ 160,240
झारखंड 2,474,340/ 2,047,610
पश्चिम बंगाल 8,383340/ 2,105,970
छत्तीसगढ़ 4,666,550/ —————-
दिल्ली 2,370,710/ 200,000
गुजरात 10,519,330/ ————–
पंजाब 2,236,770/ —————-
असम 1,781,080/ 818.740
कर्नाटक 7,057,900/ 1377,560
हिमाचल 1,116,990/ 193,160
हरियाणा 3,042,220/ 1,992,150
केरल 5,606,790/ 974,710
तेलंगाना 2 599,230/ 362280
चंडिगढ़ 180,930/ ———-
गोवा 264,370/
तमिलनाडु 5,428,950/ 221.440
कोरोना के टीके की बर्बादी
कोरोना के टीके कमी के अलावा इसकी बर्बादी का मुद्दा भी सुर्खियों में है. केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार पर पांच लाख खुराक बर्बाद करने का आरोप लगाया है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु (12.4%), हरियाणा (10%) और बिहार (8.1%) उन राज्यों में से है, जहां सबसे अधिक कोविड की वैक्सीन बर्बाद हुई है. दिल्ली, आंध्र प्रदेश, पंजाब, असम और मणिपुर में क्रमशः 7, 7.3, 8, 7.3 और 7.2 प्रतिशत टीके की बर्बादी हुई है.
कैसे कम हो जाती है वैक्सीन
शीशी का लीक हो जाना
कोल्ड चेन का टूट जाना
समाप्ति तिथि पार होने पर
अधिक तापमान के संपर्क में आने की स्थिति में
शीशी खुलने के बाद समय सीमा में खुराक का उपयोग नहीं होना
शीशी में उपलब्ध खुराक का शतप्रतिशत उपयोग न होना
ऐसा माना जाता है कि किसी भी टीकाकरण अभियान में वैक्सीन की बर्बादी अपेक्षित होती है. मगर जब बर्बादी अनुमान से ज्यादा होने लगती है तो डिमांड पर असर पड़ता है. इसकी वजह से वैक्सीन की कमी जैसी स्थिति पैदा हो जाती है.