अम्बिकापुर

अलौकिक शक्तियों से परिपूर्ण भारत मां के विलक्षण सपूत थे पूज्य संत गहिरा गुरु…..उनकी १०५ वीं जयंती पर जनजातीय गौरव समाज द्वारा उन्हें दी गई श्रद्धांजलि

अम्बिकापुर- सत्य शांति दया क्षमा के प्रणेता,मद्यपान एवं मांसाहार के घोर विरोधी,संस्कृत के प्रकांड विद्वान वनवासियों के आराध्य परम पूज्य श्री संत रामेश्वर गहिरा गुरुजी की १०५ वीं जयंती जनजातीय गौरव समाज के बैनर तले अम्बिकापुर स्थित संत गहिरा गुरु आश्रम के प्रांगण में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर मनाई गई ! कार्यक्रम में बतौर वक्ता पधारे संघ के जिला विभाग प्रचारक राजकुमार चन्द्रा ने कहा कि संत गहिरा गुरु जी साधारण आदिवासी कंवर परिवार में अवतरित भारत मां के विलक्षण सपूत थे! अलौकिक शक्तियों से परिपूर्ण गुरुजी की संकल्पशीलता,सतत साधना तथा नि:स्वार्थ समर्पित सेवा भावना ने जनजातीय अंचलों में एक बड़ी सामाजिक व आर्थिक क्रांति का प्रादुर्भाव किया! आदिवासी गौरव समाज के संरक्षक राम-लखन पैंकरा ने कहा कि उन्होंने अज्ञान के अंधेरे में भटकते आदिवासी समाज को शांति और सेवा का ब्रत ग्रहण करने के लिए प्रेरित कर उनमें सदविचार सद्भावना एवं प्रेम की ज्योति जगाई! उन्होंने वनवासियों के योजनाबद्घ सर्वांगीण विकास हेतु सनातन संत समाज नामक संस्था की स्थापना की!गौरव समाज के संस्थापक सदस्य विनोद हर्ष ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में जहां जनजातीय समाज को हिन्दू धर्म से पृथक करने का जो घोर षड़यंत्र चल रहा है गोड़वाना व पत्थलगढ़ी जैसी धर्म विरोधी शक्तियां आदिवासी समाज को भ्रमित करने में लगी हों ऐसे समय में संत गहिरा गुरु जी के विचार व मार्ग ही समस्या समाधान के लिए उचित जान पड़ते हैं ! अधिवक्ता कुंजबिहारी सिंह ने कहा कि उन्होंने सुदुर आदिवासी अंचलों में संस्कृत पाठशाला,आश्रम, विद्यालय तथा संसकृत महाविद्यालय की स्थापना की वे समाज के हर वर्ग में श्रद्धा के पात्र थे ! छत्तीसगढ़ के पुर्व मुख्यमंत्री डॉ रमनसिंह जी ने उनके सम्मान में सरगुजा विश्वविद्यालय का नाम संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय रख समुचे जनजातीय समाज को गौरवान्वित किया ! आश्रम प्रभारी हीरालाल ने गुरुजी का प्रिय भजन भजो मन रामेश्वर गाकर उन्हें याद किया ! कार्यक्रम का संचालन संघ के इन्दर भगत व आभार प्रदर्शन मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय सिंह ने किया
इस अवसर पर सर्वश्री कृष्ण कुमार शर्मा,अनिल तिवारी, रामसेवक साहू,रविराज,प्रभात विश्वास,मन्नू पैंकरा सहित गहिरा गुरु समाज के स्वयंसेवक उपस्थित रहे!

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