रायपुर- महासमुंद लोकसभासांसद चुन्नीलाल साहू ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की झूठी जानकारी के कारण छत्तीसगढ़ के लोग गरीब कल्याण योजना से वंचित हो गए हैं। उन्होंने बताया कि लोकसभा के माध्यम से केंद्र सरकार ने 2020 में राज्य की कांग्रेस सरकार से पूछा था कि छत्तीसगढ़ से कितने लोगों (प्रवासी मजदूरों) ने देश के अन्य राज्यों में पलायन किया है। राज्य सरकार की ओर से केंद्र को बताया कि मात्र सवा लाख प्रवासी मजदूर राज्य से बाहर काम करने गए हैं।
सांसद साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जिलो से होने वाले पलायन को रोकने के लिए मगध प्रोजेक्ट का प्रस्ताव लोकसभा के तीनों सत्रों में दिया, जिससे जिलों का समग्र विकास हो सके। इसी प्रस्ताव को पूरा करने की दिशा में केंद्र सरकार ने जानकारी मांगी जिसमें राज्य की सरकार ने झूठी जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को अन्य राज्यों में जाना बताया है। राज्य सरकार ने यह आंकडा 20 फरवरी 2020 तक का बताया। राज्य सरकार की इसी झूठी जानकारी के कारण छत्तीसगढ़ के रहवासी केंद्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों की जानकारी सही-सही उपलब्ध कराती तो देश के छह राज्यों के 116 जिलों की तरह छत्तीसगढ़ के जिले भी गरीब कल्याण योजना में शामिल होते। उन्होंने बताया कि यदि राज्य की सरकार अपनी नाकामी को छिपाने से बचे तो केंद्र सरकार के सामने सारे आंकडे स्पष्ट होंगे और छत्तीसगढ़ के लिए योजना बनाने में मदद मिलेगी।
सांसद साहू ने राज्य सरकार से कहा है कि अब देश संकट के दौर में है, और उससे देश को निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी राज्यों के लिए एक समान सोच है, वे समवेत विकास चाहते हैं, इसके लिए जानकारी का माध्यम सिर्फ राज्य की सरकार है और गलत जानकारी का नुकसान राज्य की जनता को हो रहा है। जैसे अभी कोरोना काल में राज्य सरकार के दो आंकडे हैं जिसमें वे केंद्र सरकार को बता रहे हैं कि सवा लाख मजदूर प्रवास पर गए हैं और इधर यह भी बता रहे हैं कि दस लाख से अधिक लोगों को क्वारेंटाइन किया जा चुका है। वास्तव में जनता और केंद्र की सरकार को दो आंकडे देकर राज्य की सरकार भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।