12 हाथियों के दल ने पूरी रात तांडव मचाते हुए उप सरपंच के घर सहित 3 घरों को किया क्षतिग्रस्त….. आक्रोशित ग्रामीणों का आरोप वन परीक्षेत्र अधिकारी नहीं रहते मुख्यालय में
लखनपुर/ वन परिक्षेत्र लखनपुर के अंतर्गत सुदूर वनांंचल ग्राम पटकुरा में 12 हाथियों का दल ने पूरी रात तांडव करते हुए उपसरपंच सहित तीन ग्रामीणों का घर को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया है 12 हाथियों के दल आते हैं वही ग्रामवासी पूरी रात रतजगा करने को मजबूर हैं वन अमला के उदासीन रवैया से भी ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं।
वही 4 दिनों से क्षेत्र में विद्युत कटौती होने के कारण ग्रामीणों को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पटपुरा में बीते दिन 17 जून की रात 12 जंगली हाथियों का दल बस्ती प्रवेश करते हुए गांव के उप सरपंच निर्मल एक्का ,अजन राम ,शाझु मझवार , की घरों को बुरी तरह से तोड़फोड़ मचाते हुए मकानों को काफी क्षतिग्रस्त किया है।दो-तीन दिन पूर्व जंगली हाथियों का आना हुआ है तब से वन अमला को इस संबंध में सूचना ग्रामीणों के द्वारा दी गई थी परंतु वन विभाग के उदासीन रवैया से ग्रामीण आए दिन हलकान होते रहते हैं और फसल सहित जन धन की भी हानी आए दिन होते रहता है जिससे वन परिक्षेत्र के पदस्थ रेंजर सहित वनपाल बिट गार्ड की उदासीन रवैया ग्रामीणों सुरक्षित स्थानों एवं उससे बचाव के संबंध में अभी तक किसी प्रकार का उपाय वन विभाग के द्वारा नहीं किया गया है। जिसके कारण आए दिन ग्रामीणों को जनधन कि काफी क्षति होती रहती है जिससे क्षेत्र के ग्रामीण खासतौर पर वन विभाग के प्रति काफी आक्रोशित हैं उनका सही मुआवजा भी नहीं बनाने का भी यह एक कारण बताया जा रहा है तथा क्षेत्र में जब भी हाथियों का प्रकोप एवं तांडव प्रारंभ होता है वन अमला हमेशा पीछे हट जाती है ग्रामीण अपना जनधन की सुरक्षा के लिए स्वयं पूरी रात रतजगा
करते हैं ।
मुख्यालय निवास नहीं करने के कारण क्षेत्र में अव्यवस्था उत्पन्न
वही वन परिक्षेत्र लखनपुर के रेंजर उनके वनपाल बीट गार्ड मुख्यालय में नदारद पाए जाते हैं वन परिक्षेत्र के अंतर्गत लगभग अधिकारी कर्मचारी पदस्थ होने के बावजूद भी यहां मुख्यालय में निवास से नहीं रहते हैं जिसके कारण वनों की लगातार कटाई भी काफी हो रही है और वनों का दोहन चरम पर है तथा वन माफिया काफी सक्रिय है तथा लकड़ी तस्कर की मधुर संबंध भी वन विभाग के अधिकारियों के साथ होना बताया जा रहा है जिसके कारण क्षेत्र में वनों की कटाई अंधाधुंध की जा रही है जिसके रोकथाम में अभी तक प्रशासन एवं वन विभाग भी असफल ही रहा है।