उदयपुर

शिव मंदिर परिसर में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, 50 फीट ऊंचे रावण का हुआ दहन गरबा, क्विज, बिंदी प्रतियोगिता और भव्य जगराते ने कार्यक्रम को बनाया खास

मरवाही के पंडित दीपेंद्र महाराज की टीम ने किया विशेष पूजा-पाठ

उदयपुर-
उदयपुर के शिव मंदिर परिसर में दशहरा का पर्व इस साल पूरी धूमधाम और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। कई दिनों से जारी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस उत्सव को खास बना दिया। गरबा डांस, क्विज प्रतियोगिता, बिंदी लगाओ प्रतियोगिता और जगराता जैसे आयोजन पूरे मंदिर परिसर में उमंग और उत्साह भरते रहे हैं। सप्तमी के दिन संस्कृति विभाग द्वारा भव्य जगराते का आयोजन हुआ, जिसने भक्तों का ध्यान आध्यात्मिक दिशा में आकर्षित किया।

अष्टमी की रात मरवाही के पंडित दीपेंद्र महाराज की टीम द्वारा विशेष पूजा-पाठ किया गया। बलि पूजा के इस महत्वपूर्ण अवसर पर पंडित जी की टीम ने विधिवत धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए, जिससे पूरे वातावरण में भक्तिमय ऊर्जा का संचार हुआ। तत्पश्चात मां नव दुर्गा की झांकी शहर में निकाली गई, बाजा गाजा के साथ रंग गुलाल खेलते हुए भक्तिपूर्ण माहौल में रात 10 बजे करीब दुर्गा मां सहित नव देवियों और अन्य भव्य एवं विशाल प्रतिमाओं का विसर्जन सोन तालाब में हाईड्रा से उठाकर किया गया।

**आकर्षण का केंद्र रहा 50 फीट की रावण*
इस दुर्गा पूजा समिति की ओर से 50 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया, जो इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा, रावण दहन से पूर्व लगभग एक घंटे तक भव्य आतिश बाजी की गई। रावण दहन और दशहरा का मेला देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु विकासखंड उदयपुर के विभिन्न ग्रामों से आए हुए थे।

**माता के श्रृंगार का महिलाओं को किया वितरण*

दशहरा के दिन पंडित दीपेंद्र महाराज जी के द्वारा नव दुर्गा पूजन में चढ़ाए गए श्रृंगार के सामग्री का वितरण दशहरे के दिन नारी शक्ति स्वरूप उदयपुर की माताओं बहनों को प्रदान किया गया। इस दौरान जय श्री राम और जय माता दी का जय घोष होता रहा।

पूरे उत्सव के दौरान प्रतिदिन प्रसाद वितरण किया गया, कई संगठनों और आम लोगों ने भंडारे का आयोजन किया।
**आयोजन में रही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था*
इस दौरान थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर के नेतृत्व में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।

दुर्गा पूजा का महत्व:
दुर्गा पूजा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। मां दुर्गा शक्ति, साहस और धैर्य की देवी मानी जाती हैं, और उनका पूजन जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देता है। दुर्गा पूजा के दौरान भक्त मां दुर्गा की नौ विभिन्न शक्तियों की आराधना करते हैं, जो उनके जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद लाती हैं।

आयोजन को सफल बनाने में दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारी, युवा मित्र मंडली के कार्यकर्ता, शारदा महिला मंडल के सदस्यों सहित अन्य महिलाओं और दान दाताओं का सराहनीय योगदान रहा।

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