लखनपुर

सरकारी स्कूल में छत्तीसगढ़ के दो पूर्व मुख्यमंत्री दीवारों पर और देश की यशस्वी प्रधानमंत्री फर्श पर..विकासखण्ड में शिक्षा व्यवस्था हुई चौपट

लखनपुर । विकासखंड में शिक्षा व्यवस्था पूरे तरीके से चौपट हो गई है। विकासखंड में शिक्षा विभाग से कई मामलो को लेकर आए दिन सुर्खियों में रहता है। चाहे वह गणतंत्र दिवस पर स्कूल में तिरंगा नही फहराने का हो,बच्चों से मजदूरी कराने, स्कूलों में शिक्षकों के अनुपस्थित रहने, स्कूल के बच्चों से टेबल बेंच उतरवाने को लेकर अनेकों मामले सामने आते रहते हैं। परंतु अधिकारियों के द्वारा विकासखंड में शिक्षा व्यवस्था कैसे बेहतर हो इसे लेकर कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है। और खबरों के प्रकाशित होने पर नोटिस जारी कर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर दिया जाता है। कुछ ऐसा ही मामला पहुंचविहीन ग्राम के सरकारी स्कूल में देखने को मिला जहां कई कई दिन तक शिक्षक नदारत रहते हैं। स्कूल में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर फर्श पर और छत्तीसगढ़ के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भूपेश बघेल की तस्वीर दीवारों पर नजर आई। आज भी स्कूल के बच्चे रमन सिंह और भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री समझते हैं। जबकि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय हैं। लखनपुर विकासखंड के पहुंचविहीन ग्राम घाटोन आ.जा.शा. प्राथमिक शाला के बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। लगातार शिक्षक के नदारत रहने पर बेहतर शिक्षा से बच्चे वंचित हैं। विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया गया। वहीं निरीक्षण करने के लिए संकुल समन्वयक नियुक्त किए जाते हैं। ताकि प्रतिदिन वह स्कूलों का निरीक्षण कर वस्तु स्थिति से खंड शिक्षा कार्यालय को अवगत कराए। परंतु संकुल समन्वयक और खंड शिक्षा अधिकारी के निरीक्षक को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे के निर्देश पर लखनपुर खंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप राय के मार्गदर्शन में सहायक खंड शिक्षा अधिकारी मनोज तिवारी 4 किलोमीटर पहाड़ चढ़कर पहुंच विहीन ग्राम घटोन के प्राथमिक शाला पहुंचे। जहां शिक्षक नदारत मिले शिक्षक के नदारत मिलने पर कारण बताओं नोटिस जारी तो कर दिया गया है। परंतु वहां की व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो पाई है। जिसे लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोस है।वही स्कूल खोलने और बंद करने को लेकर सहायक खंड शिक्षा अधिकारी ने गांव के ही एक युवक को₹3000 माह में नियुक्त किया है जिससे प्रतिदिन स्कूल खुल सके। परंतु स्कूल खोलने और बंद करने के लिए गांव के ही युवक का व्यवस्था तो विभाग के द्वारा किया गया। परंतु बच्चों की पढ़ाई के लेकर अब तक किसी शिक्षक को अटैच नहीं किया गया है। जो कई सवालों को जन्म देता है।कहीं ना कहीं ब्लॉक मुख्यालय के अधिकारी के लापरवाही के कारण बच्चे बेहतर शिक्षा से वंचित है। अब देखने वाली बात होगी कि विभाग बच्चों को शिक्षा व्यवस्था देने के लिए क्या कदम उठाती है। या फिर अब तक जिस स्थिति में स्कूल का संचालन हो रहा है यह स्थिति बनी रहती है। छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार किसी भी पार्टी की हो सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकें इसे लेकर आने को योजना चलाकर करोड़ों रुपए खर्च की जाती है।परंतु धरातल पर अधिकारियों के द्वारा सरकार के इस मनसा को पलीता लगाने का कार्य किया जा रहा है। सरकार के द्वारा सरकारी स्कूलों के बच्चों के भविष्य गढ़ने का प्रयास लगातर किया जा रहा है। और अनेकों योजना चलाकर करोड रुपए खर्च किया जा रहा। विभाग के अधिकारियों के लापरवाही व अनदेखी के कारण सरकारी स्कूल के बच्चे बेहतर शिक्षा से वंचित हैं। यही नहीं इन अधिकारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। कार्यवाही के अभाव में अधिकारी मनमानी ढंग से कार्य कर रहे है।

खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा स्कूलों का लगातार किया जा रहा निरीक्षण व्यवस्थाओं में नहीं हो पा रही सुधार

लखनपुर खंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप राय के द्वारा विकासखंड में संचालित प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं का औचक निरीक्षण करते हुए स्कूलों में बच्चों का शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर जोर दिया जा रहा है। और साथ ही बच्चों को बेहतर मध्यान भोजन मिल सके इसे लेकर प्रधान पाठकों को निर्देशित किया जा रहा है। परंतु आज भी कहीं ऐसे स्कूल है जहां शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं। और कई शिक्षक मनमर्जी मुताबिक स्कूल आते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा नोटिस जारी कर कार्यवाही की जाती है। परंतु शिक्षा व्यवस्था को लेकर अब तक को सुधार नहीं नही दिख रहा है। विकासखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसे बेहतर शिक्षा मिल सके इसके लिए अब तक विभाग की ओर से कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया।

विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों को है राजनीतिक संरक्षण प्राप्त

शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण इन पर कार्यवाही नहीं हो पाती है। वहीं विकासखंड में कई ऐसे शिक्षक हैं जो मनमानी तरीके से स्कूल जाते हैं और स्कूलों से अनुपस्थित भी रहते हैं। वहीं विभाग के अधिकारी इन शिक्षकों पर कार्यवाही करने से भी कतराते हैं। अगर कहा जाए तो विकासखंड में कई स्कूल ऐसे हैं जहां के शिक्षकों के द्वारा विभाग के अधिकारियों से सेटिंग कर लिया जाता है और स्कूल में हमेशा अनुपस्थित रहते हैं।

सहायक खंड शिक्षा अधिकारी मनोज तिवारी

इस संबंध में लखनपुर सहायक खंड शिक्षा अधिकारी मनोज तिवारी ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर निरीक्षण करने वहां गए हुए थे। शिक्षा व्यवस्था पूरे तरीके से चौपट है। स्कूल के बच्चों की दयनीय स्थित है और शिक्षक आए दिन नदारत रहते हैं। नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर जवाब मांगा गया है संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अग्रिम कार्रवाई हेतु जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा जायेगा। उनके द्वारा बताया गया की एकल शिक्षक विद्यालय है अन्य शिक्षकों के अटैक के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा जायेगा। और संकुल समन्वयक में को शिक्षक व्यवस्था करने निर्देशित किया गया है।प्रधानमंत्री जी का फोटो दीवारों पर लगा हुआ था बच्चों के द्वारा उसे गिरा दिया गया होगा। पहुंचविहीन क्षेत्र होने के कारण संकुल समन्वयक को प्रति माह तीन बार स्कूल का निरीक्षण करना चाहिए था। निरीक्षण नहीं करने पर यह स्थिति निर्मित हुई है।

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