अम्बिकापुर

स्वच्छ जल, स्वच्छ भोजन एवं भरपुर खेलकुछ से 70 प्रतिशत बिमारियों से दूर रह सकते हैं: डॉ स्मिता परमार, आत्मानंद स्कूल में आयोजित हुआ मिलेट मेला

अम्बिकापुर/ स्वच्छ भोजन, स्वच्छ जल एवं जीभर के खेलीये मोबाईल में नहीं ग्राउण्ड में पसीना बहाना है यदि आप ऐसा करते हैं तो कम से कम 70 प्रतिशत बिमारियों से मुक्त हो सकते हैं अथवा बच सकते हैं। यदि हम सब इस पर ध्यान दें तो कई छोटी-छोटी बिमारियों का हल आसानी से हो सकता है। हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हम जो जल पीते हैं वह स्वच्छ रहे साफ सुथरा रहे और जो भोजन ग्रहण करते हैं, उसे बनाने में भी सावधानी बरतें। कुछ भी खाने के पूर्व हाथ को अच्छे तरिके से साफ करें साबुन, हैण्डवॉश अथवा जो भी साधन उपलब्ध हो उससे हाथ को अच्छे तरिके से साफ कर के ही कुछ खायें। इससे हम कई बिमारियों से बच सकते हैं।

उक्ताशय मिलेट मेले को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ स्मिता परमार ने कही। उन्होंने कहा कि अक्सर मेरे पास जितने अभिभावक आते हैं उनमें से अधिकतर की शिकायत यह रहती है कि बच्चे के पेट में दर्द है, इसका कारण क्या है, आज अधिकतर बच्चों की यह हैबिट हो चुकी है कि हम बाजार में बिकने वाले पैकेट बंद कई खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, स्कूल आये पैरेंटस से कुछ रूपये लेकर आ गये कुछ खरीदा खा लिया, बाजार गये वहां कुछ खरीदा खा लिया। पैकेट बंद चिजें एक तो कई दिनों की बनी हुई होती हैं, उसमें मसाला और मिर्च का उपयोग ज्यादा रहता है साथ ही जब हम खाते हैं तो हाथ को साफ नहीं करते, मतलब साफ है खराब खाना और गंदा हाथ ही हमारी अधिकतर बिमारी का मूल कारण है जिससे हमें बचना है। साथ ही खेलकुद को लेकर भी जागरूक रहना है, मोबाईल और टी.वी. से बाहर निकल कर ग्राउण्ड में खेलना है, यह हमारे सेहद के लिये जरूरी है। बच्चों से जुड़ी कई समस्याओं को लेकर डॉ स्मिता परमार ने बात की तथा जानकारी दी।


मेडिकल कॉलेज की आहार विशेषज्ञ एवं कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि सूमन सिंह ने बच्चों को मोटे अनाज के फायदे के बारे में बताते हुए कहा कि कैसे लड़कियां खून की कमी जैसी समस्याओं से निजात पा सकती हैं, वहीं उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चों में यह ज्यादा समस्या है कि वे पानी कम पीते हैं, जिसके कारण कई छोटी-बड़ी बिमारियों में फंस जाते हैं, शरीर को पानी की आवश्यकता को लेकर भी उन्होंने जानकारी दी। हमारा शरीर पांच चिजों से मिल कर बना है जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी एवं आकाश। जिसमें पृथ्वी से हमें क्या मिलता है इस पर भी सूमन सिंह ने विस्तार से बच्चों को जानकारी दी।


सरगुजा साइंस ग्रुप के अंचल ओझा ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर भारत सरकार के मिशन लाईफ पर चर्चा करते हुए मानव से जुड़ी उन छोटी-छोटी बातों पर प्रकाश डाला, जिसे यदि हम व्यवहार में परिवर्तन कर लें तो पर्यावरण के संरक्षण में काफी बड़ा योगदान दे सकते हैं। केवल वृक्ष लगाना ही पर्यावरण संरक्षण नहीं है, बल्कि अपने व्यवहार में छोटे-छोटे बदलाव लाकर भी हम पर्यावरण को स्वच्छ, सुंदर एवं स्वस्थ्य रख सकते हैं। मिशन लाईफ के तहत् प्रमुख सात बिन्दूओं पर अंचल ओझा ने प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे हम पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। इसके लिये केवल अपने जीवनचर्या में कुछ बदलाव की जरूरत है, कुछ ऐसी चिजों को हटाना है, जिसे हम जबरन उपयोग कर रहे हैं, जबकि उससे अच्छी चिजें हमारे आसपास हैं, लेकिन हम बाजार के प्रभाव में आकर हमने ऐसी चिजांे का लत बना लिया है, जिसकी आवश्यकता नहीं है। कुछ छोटी-छोटी उदाहरण के जरिये बिजली की बचत, भोजन की बचत, प्लास्टिक मुक्त घर सहित ईधन एवं अन्य बचत की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की इससे न सिर्फ पर्यावरण सुरक्षित होगा, बल्कि हमारा रूपये भी बचेगा और आर्थिक सपन्न्ता के लिये भी हम ऐसा कर सकते हैं।
हम आपको बता दें कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिन्दी मिडियम स्कूल केशवपुर में आज मिलेट मेला का आयोजन किया गया। जिसमें स्वास्थ्य, पोषण एवं पर्यावरण विषय पर पुरा कार्यक्रम केन्द्रित रहा। मिलेट मेला में स्कूल के बच्चों ने मिलेट से कई तरह के व्यजंन बना कर स्टॉल लगा बिक्री किया। इस दौरान स्कूली बच्चों ने रागी, मड़वा, कोदो, कुटकी, बाजरा, जव, मक्का सहित चना, मेथी, मुनगा, आलू, गाजर जैसे कई सब्जीयों एवं फलों को प्रदर्शित करते हुए उनसे न सिर्फ स्वादिष्ट व्यंजन बनायें, बल्कि उन व्यंजनों, साग, सलाद को स्टॉल लगाकर अभिभावकों, शिक्षकों, कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों एवं बच्चों को टोकन के माध्यम से विक्रय किया। इस दौरान बच्चों ने समस्त व्यंजनों में प्रयुक्त खाद्य पदार्थों के बारे में पुरी जानकारी भी चार्ट पेपर के माध्यम से प्रदर्शित की, जिससे यह पता चल सके की जो भोजन हम ले रहे हैं, उससे हमारे शरीर को क्या फायदा होना है, कौन सा विटामिन, प्रोटिन अथवा अन्य चिंजें हमें प्राप्त होंगी। मिलेट मेले में पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी बच्चों ने मॉडल एवं चार्ट पेपर के माध्यम से कई तरह के जानकारी दी। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम दोनों ही विद्यालय के बच्चों ने इस पुरे मेले में उत्साह के साथ भाग लिया साथ ही क्रिसमस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने कई आकर्षक प्रस्तुतीयां दी। इस दौरान पोषण एवं मिलेट मेले में मक्के की रोटी, चने एवं सरसो का साग, रागी का लड़डू एवं बिस्कीट, कोदो व कुटकी का हलवा, इडली, डोसा, अंडे का आमलेट, पकौड़ा सहित कई ऐसे व्यंजन बच्चों ने तैयार किये जिसे अभिभावकों, शिक्षकों, बच्चों, अतिथियों एवं अन्य लोगों ने चाव से खाया। यह कार्यक्रम 12 से 3 बजे तक आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों द्वारा बनाये गये व्यंजन कार्यक्रम समाप्ती के पहले ही खत्म हो गया।
विद्यालय के प्राचार्य संतोष साहू ने मिलेट मेले के माध्यम से आयोजित पोषण, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण कार्यक्रम की पुरी जानकारी साझा करते हुए बताया कि कैसे स्कूल स्वच्छता को लेकर कार्य कर रहा है और रिसायकल पोर्सेस को लेकर भी यहां पर शिक्षक व बच्चे बेहतरिन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों द्वारा लगाये गये मिलेट एवं पोषण मेले के लिये सबको शुभकामनाएं दी और आगे भी ऐसे आयोजन करते रहने की बात कही। इस दौरान कार्यक्रम का संचालन सुनील सिंह, सतीशभाई पटेल एवं स्वेच्छा केशरी ने किया। इस दौरान अंचल कुमार सिन्हा, आयुषी गुप्ता, अनिल त्रिपाठी, नितू यादव, प्रधानपाठक बंदना महथा, सुनीता पाण्डेय, नितू प्रेमा मिंज, रूपरेक्षा एवं संस्कृति श्रीवास्तव, शिल्पी गुप्ता, हेमवंती राजवाड़े, पल्लवी केरकेट्टा एवं संतलाल सहित कई लोगों का योगदान रहा।

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