खुशखबरी! अब कर सकेंगे पार्ट-टाइम पीएचडी, UGC से जल्द मिल सकती है मंजूरी, बस जमा कराना होगा ये डॉक्यूमेंट
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) IIT द्वारा अपनाए जाने वाले सिस्टम पर चलते हुए वर्किंग प्रोफेशनल्स को पार्ट-टाइम पीएचडी प्रोग्राम करने की इजाजत देने की संभावना की तलाश कर रही है. UGC के वाइस-चेयरमैन एम जगदेश कुमार ने कहा कि दुनिया की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज द्वारा भी पार्ट-टाइम पीएचडी प्रोग्राम करवाए जाते हैं. प्रोफेसर कुमार ने कहा, ‘पार्ट-टाइम पीएचडी प्रोग्राम्स में एक यूनिवर्सिटी फैकल्टी मेंबर एक पीएचडी स्टूडेंट को सुपरवाइज करता है. स्टूडेंट्स अपने सुपरवाइजर की सलाह पर अपने सब्जेक्ट पर काम करता है. लेकिन अधिकतर समय वह स्वतंत्र रूप से ही काम करता है.’
UGC के वाइस-चेयरमैन ने कहा, ‘ऐसे पार्ट-टाइम पीएचडी कार्यक्रम दुनियाभर के कुछ बेहतरीन यूनिवर्सिटीज में उपलब्ध हैं. ऐसा हमारी भारतीय यूनिवर्सिटीज में क्यों नहीं है?’ यूजीसी ने मार्च में यूजीसी (पीएचडी डिग्री के पुरस्कार के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) विनियम, 2022 के ड्राफ्ट को नोटिफाई किया था. पार्ट-टाइम पीएचडी प्रोग्राम्स के प्रावधान को उन नियमों में जगह मिलने की संभावना है, जिन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है. IIT मद्रास के पूर्व छात्र प्रोफेसर कुमार ने कहा कि IIT सिस्टम में पार्ट-टाइम पीएचडी प्रोग्राम काफी सामान्य है. प्रोफेसर कुमार IIT दिल्ली में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डिपार्टमेंट के फैकल्टी मेंबर रह चुके हैं.
लंबी छुट्टी नहीं ले पाने वाले प्रोफेशनल्स के लिए पार्ट-टाइम पीएचडी मददगार
प्रोफेसर एम जगदेश कुमार ने कहा, ‘पार्ट-टाइम पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स को अपने पहले या दूसरे सेमेस्टर के दौरान कैंपस में कोर्स वर्क जरूरतों को पूरा करना होता है. उन्हें ऐसा तब करना होता है, जब वे उसी शहर में रह रहे हैं, जहां यूनिवर्सिटी स्थित है.’ उन्होंने कहा, ‘वे लेक्चर में हिस्सा लिए बगैर अपने काम पर वापस लौट सकते हैं. ऐसे पार्ट-टाइम पीएचडी प्रोग्राम उन प्रोफेशनल्स के लिए बहुत मददगार हैं, जो पीएचडी करने के लिए लंबी छुट्टी नहीं ले सकते हैं.’
पार्ट-टाइम पीएचडी करने वाले उम्मीदवारों को देना होगा NOC
उन्होंने कहा कि फुल-टाइम और पार्ट-टाइम उम्मीदवारों के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया एक जैसा ही रहने वाला है. हालांकि, डॉक्टोरल प्रोग्राम के लिए रजिस्टर होने के लिए पार्ट-टाइम पीएचडी उम्मीदवारों को अपनी कंपनियों से मिली एक NOC को जमा करना होगा. NOC में इस बात का स्पष्टीकरण देना होगा कि काम करने वाली जगह पर कर्मचारी के फील्ड ऑफ रिसर्च के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं और जरूरत पड़ने पर कर्मचारी को उसकी ड्यूटी से छुट्टी दी जाएगी.