झिनपुरी पारा में नहर का मेड बह जाने से पानी खेतों में फसल हो रहे थे बर्बाद किसानों ने स्वयं से राशि खर्च कराया मरम्मत कार्य विभाग के लापरवाही से क्षेत्र के किसानों को नहर से नहीं मिल रहा पानी
विभागीय लापरवाही से कुंवरपुर जलाशय से निकले नहर का मेड जगह-जगह से बह गया जिससे नहर का पानी खेतों में जाने से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है तो वहीं क्षेत्र के अन्य किसानों को नहर से पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा जिससे वह खेती नहीं कर पा रहे हैं। लखनपुर नगर के झिनपुरी पारा में कई स्थानों में नहर का मेड बह जाने से नहर का पानी खेतों में जाने से गेहूं की फसल बर्बाद हो रही थी जिसे लेकर स्थानीय किसानों ने विभाग के आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी परंतु विभाग के आला अधिकारी द्वारा नहर का मरम्मत कार्य नहीं कराया गया। गेहूं की फसल बर्बाद होता देख 16 अप्रैल दिन शनिवार को लखनपुर के स्थानीय किसान सुजीत गुप्ता, दिनेश गुप्ता, राम भजन साहू, राम लखन साहू, सहित अन्य किसानों ने स्वयं की राशि खर्च करते हुए जेसीबी के माध्यम से नहर के मेड का मरम्मत कार्य कराया है।
किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग के लापरवाही के कारण हम किसानों के गेहूं की फसल भी बर्बाद हुई है साथ ही हजारों रुपए नहर मरम्मत कार्य में खर्च करना भी पड़ा है साथ ही क्षेत्र के अन्य किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग के आला अधिकारियों की लापरवाही के कारण समय-समय पर नहर का मरम्मत कार्य नहीं हो पा रहा है साथ ही जगह-जगह नहर के मेड बह जाने से किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने के कारण में है वह खेती करने में भी असमर्थ है किसानों के द्वारा विभाग के आला अधिकारियों को कई बार इन परेशानियों से अवगत कराया गया परंतु विभाग के अधिकारी कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं ।
“”””किसान कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष सुजीत गुप्ता””””””
लखनपुर किसान कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष सुजीत गुप्ता ने बताया कि कुंवरपुर जलाशय नहर से दर्जनों गांव के किसानों को पानी उपलब्ध होता था । परंतु मरम्मत के अभाव में दर्जनों गांव के किसान नहर से पानी नही मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग के अधिकारीयो को कई बार नहर मरम्मत कार्य को लेकर कहां गया। परंतु विभाग के द्वारा नहर मरम्मत का कार्य आज तक नहीं किया गया। नहर मरम्मत कार्य के नाम पर राशि आहरण कर कागजों में मरम्मत कार्य कर दिया जाता है।जबकि धरातल में कुंवरपुर जलाशय से निकले नहर की स्थिति काफी जीर्ण शीर्ण है। किसानों के द्वारा स्वयं की राशि खर्च करते हुए नहर के मेड का मरम्मत कार्य कराया जाता है। लगभग डेढ़ माह के बाद बरसात प्रारंभ होगी अगर मरम्मत कार्य नहर का नहीं कराया जाता है।तो किसानों को खेती करने में काफी परेशानियां होंगी। बरसात से पूर्व नहर का मरम्मत कार्य विभाग के द्वारा नहीं कराया जाता है तो किसानों के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।