जशपुरराज्य

सामाजिक वानिकी को बढ़ावा देने लोग आगे आये: यूडी मिंज….जंगलों पर निर्भरता कम करने होगी….सामाजिक वानिकी वृक्षारोपण…..सामाजिक वानिकी के अंतर्गत वृक्षारोपण करने की तैयारी…..जलस्तर को बढ़ाने का प्रयास….पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा….किसानों की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार

जशपुरनगर:- विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को जिलेभर में जन सहभागिता से सामाजिक वानिकी के अंतर्गत वृक्षारोपण करने की तैयारी है और यह वृक्षारोपण इस पर्यावरण दिवस पर दूसरे स्वरूप में होगा जिसमें हमारा प्रयास होगा की आम लोगों की जंगलों पर निर्भरता कम हो सामुदायिक रूप से वृक्षारोपण कर जंगलों को बचाने का एक सार्थक प्रयास करने की योजना की गई है।
विधायक यूडी मिंज ने बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों कलेक्टर श्री महादेव कावरे, वनमंडलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के. एस.मंडावी जी इस दिशा में रणनीति तैयार की गई है।उन्होंने ने बताया कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जशपुर जिले में सामाजिक वानिकी के आधार पर जंगलों से बाहर खाली जमीनों में वृक्षारोपण की तैयारी की जा रही है जिसमें वन विभाग ,पंचायत विभाग, आम नागरिक एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से वनों को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जंगलों पर लोगों की निर्भरता कम करने का दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसका शुभारंभ 5 जून से किया जाना है
उन्होंने बताया कि हम सबके जीवन में सामाजिक वानिकी का बहुत ही ज्यादा महत्व है जशपुर जिला खूबसूरत जंगलों से आच्छादित है लेकिन लोग लगातार जंगल काटते जा रहे हैं जो भविष्य में हमारे पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदायक है वैसे तो हम दैनिक उपयोग के लिए जंगल से पूर्ति करते हैं पर इससे हम सबको काफी नुकसान होता है पर्यावरण को भी नुकसान होता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सबको अपने अपने स्तर पर वृक्षारोपण करना है जंगल बचाना है जल संरक्षण करना है सारे चीजें एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और हम सब को ही मिलकर इस दिशा में काम करना है ।
विधायक श्री यूडी मिंज ने कहा कि हमारी आवश्यकता जो जंगलों पर आधारित है यदि वह हमारे खेतों में मिल जाए तो जंगलों पर दबाव कम होगा इसके लिए सामाजिक वानिकी का महत्व बहुत ही अधिक है हम जंगलों से लकड़ियों की जो जरूरतें हैं वह अपने खेतों की मेड़ों में लगाकर पूरी कर सकते हैं विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे हैं जैसे ..सेंधवार ,फुटकल , बड़ ,पीपल ,बकाइन,गंभार,बेर,करंज,.शीशम,जामुन,आम,सेमल,कटहल व अन्य ) इससे सभी किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगी। मवेशियों को खेतों में जाने से रोकने पर दलहन की खेती का रकबा बढ़ेगा । वहीं पेड़- पौधे से जलस्तर बढ़ेगा और हर बार गर्मी में पानी की कमी का रोना ख़त्म होगा ।मेरा मुख्य मकसद सामाजिक वानिकी को लोगों तक पहुंचाना है और इस एक मॉडल के रूप में स्थापित करना है हम अपने खूबसूरत जंगलों को कैसे बचाएं हम जलाऊ लकड़ी के तौर पर उपयोग कर अपनी फुर्ती कर सकते हैं उन्होंने कहा कि हम अगर सामाजिक वानिकी का उपयोग करते हैं तो हम सब के खेतों,कुंओ,तालाबों का जलस्तर बढ़ेगा और इसीलिए हमने यह योजना बनाई है और जिसे हम आगे बढ़ाने जा रहे हैं प्रथम चरण में हम लोग विभिन्न प्रकार के पौधों का रोपण करेंगे और यह फिर बड़े स्तर पर होगा यह इसे हम एक अभियान के रूप में लेकर के आम जनता, नागरिकों ,किसानों, जनप्रतिनिधियों और जिले के अधिकारियों के सहयोग से सफल बनाएंगे।


उन्होंने कहा कि आने वाले 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आपने जीवन के लिए यादगार बनाने के लिए अच्छा मौका मिला है ,इस अवसर पर बेहतर कल की ओर एक सार्थक कदम उठाते हैं।जिसमें सभी जशपुरवासियों को सहभागी बनना है। सबलोग मिलकर एक साथ सामाजिक वानिकी को प्रोत्साहन देने के लिए आगे आएं । कुनकुरी विधायक ने अपील करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य है कि जंगलों पर हमारी निर्भरता कम हो । इसके लिए हम सभी खेतों की मेड़, नहरों की मेड़ एवं खाली जमीन पर पेड़-पौधे लगाकर लकड़ी की आवश्यकता पूरी करेंगे । सामाजिक वानिकी के साथ दलहन को प्रोत्साहन देने के लिए मार्च महीने तक अपने मवेशियों की चराई करना है यह गोठान में ही रखने का काम करना है । ऐसा करने से जो पेड़ – पौधे लगाए गए हैं उनकी रक्षा भी हो सकेगी। सामाजिक वानिकी में ऐसे प्रजातियों के पेड़ लगाएंगे जो कम समय मे तैयार हो सके और हमारी हर आवश्यकता को पूरी कर सके जैसे .. सेंधवार ,फुटकल ,बड़ ,पीपल ,बकाइन ,गमहार,बेर,करंज ,शीशम,जामुन, आम, सेमल,कटहल व अन्य इससे हम सभी किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगी। मवेशियों को खेतों में जाने से रोकने पर दलहन की खेती का रकबा बढ़ेगा । वहीं पेड़- पौधे से जलस्तर बढ़ेगा और हर बार गर्मी में पानी की कमी का रोना ख़त्म होगा ।
इसके लिये हम सबको संकल्प लेना होगा कि वनों की रक्षा करते हुए सामाजिक वानिकी , मवेशियों को गोठान में रखने और दलहन की फसलें लेने की ओर सार्थक कदम बढ़ाएं।

उन्होंने कहा कि हमारे जिले में पर्याप्त जमीनें हैं इसका सदुपयोग हम नहीं कर पाते हैं क्षेत्रवासियों को एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते इस सामाजिक वानिकी को आगे बढ़ाना है जशपुर जिला को खूबसूरत जिला बनाना है और लोगों को लाभ पहुंचाना है हमें जंगलों पर आश्रित नहीं रहना है सामाजिक वानिकी को आधार बनाकर हम सबको अपना जंगल को बचाना है गांव में समितियों के माध्यम से गोठान को भी सुचारू रूप से संचालित करना है ।उन्होंने कहा कि हमारे जिले में चराई मार्च तक होगी।दलहन की खेती ,सब्जियों की खेती गर्मी भर हो इसका प्रयास हम कर रहे हैं रबी की फसलों को बढ़ावा देने का हमारा प्रयास है गांव के किसान लाभान्वित होंगे दलहन में अरहर की फसल लेंगे इंटरकॉप फसल करेंगे मूंगफली की खेती करेंगे इससे किसानों को आमदनी होगी उनका जीवनस्तर बढ़ेगा हम लोग इसके लिए किसानों के सहयोग से ही इस प्रयास में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि
हमारा जिला हरा भरा आर्थिक लाभ देने वाला बने यह हमारी कोशिश है निश्चित तौर पर यह कह सकते है कि खाली जमीनों को उपजाऊ बनाकर छोटे किसान मजदूर वर्ग के लोगों को इसका फायदा पहुंचना है और हम इस विधि के आधार पर आगे बढ़ते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि छत्तीसगढ़ नहीं नहीं पूरे देश से नहीं ,पूरे विश्व में जशपुर का नाम होगा ।

पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा

विधायक यूडी मिंज ने कहा कि जशपुर जिले को सुन्दर बनाने के लिए सुंदर फूलों वाले पेड़ पौधे लगाने का प्रयास किया जा रहा है जशपुर जिले के जितने भी मुख्य मार्ग हैं मुख्य घाट हैं उनमें छायादार फलदार फूल वाले पौधे लगाएं। जशपुर जिले के पर्यटन जिला के रूप में विकसित करने के लिए सुंदर बनाने के लिए हम सब कटिबद्ध हैं उन्होंने बताया कि 40-45 हजार फूलों वाले पौधे नर्सरी में तैयार कर दिए गए हैं जिसे विभिन्न झंडा घाट,बेला घाट,लोरो घाट, रॉनी घाट के अलावा जिले के जितने भी घाट हैं वहां अमलतास, जकरांडा, कचनार, अप्रेल बोगेनवेलिया जैसे फूलों के पौधे लगाए जाएंगे जिससे कि आने जाने वाले लोगों एक सुखद अनुभूति की होगी और पर्यटन को जिले में बढ़ावा मिलेगा। जशपुर जिले में लोग पर्यटक के रूप में आएगे तो यहाँ के लोगों को इसका आर्थिक लाभ मिलेगा रोजगार उत्पन्न होगा । हम जंगल सफारी की परिकल्पना कर उसे स्थापित करने के प्रयास में लगे हुए हैं इस संबंध में हमारी कलेक्टर डीएफओ जिला पंचायत सीईओ प्रयासरत है।जशपुर जिले में एडवेंचर स्पोर्ट की पर्याप्त संभावना है और इसे हम अपनी प्राथमिकता में लेकर इसे स्थापित करने के लिए राज्य शासन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से करने में जुटे हुए हैं ।हमारे यहां खूबसूरत जंगल. झरने,घाटियाँ हैं जिसे हम फूलों की घाटी के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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