उदयपुर

हांथी पीड़ीतों के लिए मुआवजा पद्धति में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है – विनोद हर्ष लगातार दो दिनों तक डूफाखार गांव में घरों को तोड़कर फसलों को रौंदते रहे हांथी

उदयपुर।  सुरजपुर जिले से 7 सितंबर को उदयपुर के जंगल पंहुचा 8 हाथियों का दल केदमा मार्ग मोहनपुर चौक पर एक परिवार के मां बाप व बच्चे को मौत के घाट उतारने के बाद केदमा वन परिक्षेत्र अन्तर्गत ग्राम डूफाखार बस्ती में जमकर उत्पात मचाया। आक्रामक हाथियों द्वारा कई मकानों को क्षतिग्रस्त कर खेत बाड़ी में खड़ी फसल को भी नेस्तनाबूद कर दिया आठ हाथियों के स्वच्छंद विचरण को देखते हुए वन विभाग द्वारा ग्राम प्रवेश से पहले ग्रामीणों को आंगनबाड़ी भवन, प्राथमिक शाला व साल बीज गोदाम में शिफ्ट कर दिया। हाथियों के स्वच्छंद विचरण के कारण गांव वाले भारी दहशत में भूखे प्यासे जीने को मजबूर हैं। वस्तुत: केदमा क्षेत्र के पश्चिम छोर पर बसे गांवों में बहुत लम्बे समय के बाद हाथियों के आगमन से हड़कंप मचा हुआ है हाथियों की लोकेशन सही समय पर न मिलने के कारण वन विभाग को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दो छोटे बच्चे सहित आठ हाथियों का दल डूफाखार गांव में घूसने से पहले आसपास जंगलों में विचरण करता रहा उसके बाद रविवार शाम सात बजे हाथियों के समूह ने झगरू मांझी, लच्छू राम चन्दर राम सम्पत राम धनीराम मांझी व नानसाय मांझी के घरों को तोड़-फोड़ कर घर में रखे धान मक्का जटंगी चावल बर्तन को नष्ट कर दिया खेत में लगी मक्के की खड़ी फसल व बाड़ी में लगे केले के पौधों को रौंद दिया। हाथियों ने गांव के सम्पत मांझी के खेत में लगे ट्युववेल के पूरे ढांचे को क्षत्-विक्षत कर दिया ! हाथियों की वजह से पुरे गांव में खाना नहीं बन सका जिसके कारण बच्चों सहित सभी घर के पुरुष महिलाओं को रात भर भूखे रहना पड़ा वह दहशत के कारण जगह जगह अलाव जलाकर बैठे रहे। घटना की जानकारी मिलते ही सोमवार को भाजपा जिला उपाध्यक्ष विनोद हर्ष के साथ उदयपुर मण्डल अध्यक्ष अनिल प्रताप सिंह, महामंत्री प्रबोध सिंह ने हाथियों द्वारा तोड़े गए घरों व नष्ट की गई फसल का निरीक्षण कर प्रभावित परिवार के सदस्यों से मुलाकात की तथा यथासंभव सहायता करने की बात कही तत्पश्चात वन विभाग के अधिकारियों से भेंट कर हाथियों द्वारा किए गए नुकसान के एवज में यथाशीघ्र मुआवजा देने को कहा।

सुरक्षा की दृष्टि से अधिकारियों को शीघ्र बड़ी टार्च उपलब्ध कराने को कहा। गांव वालों ने अपनी समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि इस बरसात में घर टूट जाने से आसमान के नीचे सोने के अलावा कोई ठिकाना नहीं है बड़ी मेहनत कर लगाई हुई फसल के इस तरह नष्ट हो जाने से हम गरीब लोग मंझधार में फस गये हैं हमें शीघ्र सहायता की जरूरत है। नवीन जानकारी के अनुसार सोमवार रात फिर हाथियों का आगमन हुआ व गांव में बची खुची फसल को नष्ट कर केदमा मार्ग से केसमा, डेवापारा, बजबहरी, कुड़ेली होते हुए सितकालो गांव के आसपास जंगलों में विचरण कर रहे हैं !
इस दौरान सर्व बन्धन राम जयराम, रघुवीर मांझी,जगन मांझी, राजेश राम,भीखराम,हरिराम, सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।

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