अजब-गजब.. पंचायत कर्मियों एवं अधिकारी-कर्मचारियों का कमाई जा जरिया बना मनरेगा कार्य.. बालू की मेड़ बना तैयार किया जा रहा 12 लाख का तालाब.. कुछ दिन टिकने बाद बारिश होते ही हो जाएगा गायब..
पोड़ी मोड़-प्रतापपुर।एक ओर जहां शासन के द्वारा कोरोना संक्रमण काल मे भी मजदूरों को मजदूरी मिलते रहे एवं उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी न हो इसके लिए मनरेगा का कार्य सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान में रखकर किये जाने के लिए निर्देशित किया था परंतु प्रतापपुर में मनरेगा अधिकारी-कर्मचारी व पंचायत कर्मियों की मनमानी से यह योजना उनका कमाई का जरिया बना हुआ है।
मिट्टी खोद कर तालाब का मेड़ बनाते आपने देखा होगा लेकिन यह बालू से भी बनाया जा सकता है,शायद न सुना हो।यह करिश्मा प्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सौंतार में हुआ है जहां मनरेगा के तहत बारह लाख का तालाब नदी के किनारे बालू की मेड़ बना तैयार किया जा रहा है।माना जा रहा है कि यह अजीबोगरीब तालाब कुछ दिन टिकेगा और बारिश होते ही गायब हो जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार सूरजपुर जिला अंतर्गत प्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सौंतार में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के तहत बारह लाख रुपये की लागत से नवीन तालाब का निर्माण कराया जा रहा है,इसकी स्वीकृति इसी साल मिली थी और जनपद के तकनीकी सहायक ने ले आउट दे निर्माण प्रारंभ कराया था।पंचायत की निगरानी में तालाब बनकर तैयार हो रहा है लेकिन अपने आप में यह किसी अजूबा से कम नहीं है और निर्माण एजेंसी ने बालू से इसके मेड़ बना करिश्मा किया है,यह अजीबोगरीब तालाब बांकी जैसी विशालकाय नदी के किनारे बनाया जा रहा है।मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन में ग्रामीण मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए राहत दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने सौंतार में 12 लाख की लागत के तालाब की स्वीकृति कुछ हप्ते पहले ही मनरेगा के तहत दी थी।पंचायत ने तालाब निर्माण के लिए बांकी नदी के किनारे स्थल चयन कर प्रस्ताव भेजा था।गजब की बात है कि तकनीकी सहायक ने मौके पर नदी का पाट होने के बावजूद ले आउट दे दिया और काम चालू हो गया।मिली जानकारी के अनुसार करीब दो हप्ते से वहां काम चल रहा है और नदी के पाट में बालू खोदकर मेड़ बनाई जा रही है।तालाब निर्माण का काम चल रहा है और कुछ दिनों में यह बनकर तैयार हो जाएगा लेकिन इन सबके बीच यह एक करिश्माई तालाब होगा जो बालू से तैयार किया जा रहा है।मजेदार बात है कि बालू से बन रहा अजीबोगरीब तालाब पंचायत प्रतिनिधियों के साथ अन्य इसकी निगरानी कर रहे हैं लेकिन किसी को इसमें दिक्कत नहीं हो रही है।दूसरी बांकी एक बड़ी नदी है जिसमें बारिश में बहुत ज्यादा बाढ़ होती है,बारिश में शायद ही कोई इसे बहने से रोक पाए,इस तालाब निर्माण में एक करिश्मा बालू से मेड़ बनाकर किया जा रहा है तो दूसरा करिश्मा बरसात में होने वाला है जब यह बांकी में बाढ़ के साथ गायब हो जाएगा।
तालाब को बचाने पत्थरों से करेगें सुरक्षित.. मेड़ पर लगाएंगे पेड़- सरपंच
इस सम्बंध में बात करने पर सौंतार के सरपंच बाबूलाल कुजूर ने कहा कि ग्रामीणों की रजामंदी से तालाब निर्माण के लिए उक्त जगह का चयन किया गया था क्योंकि पँचायत में और कोई सरकारी जमीन नहीं थी।उन्होंने कहा कि तालाब को कुछ नहीं होगा क्योंकि इसकी सुरक्षा के लिए मेड में चारों तरफ पेड़ लगाएंगे और मेड को पत्थरों से भी सुरक्षित करेंगे।
प्रस्ताव मैंने बनाया है लेकिन यह कहां बन रहा है इसकी जानकारी मुझे नहीं है पंचायत सचिव
इस सम्बंध मे बात करने पर पंचायत सचिव शिवबरन ने कहा कि स्वीकृति के लिए उसने प्रस्ताव बनाया था लेकिन यह कहां बन रहा है इसकी जानकारी उसे नहीं है।वह एक बार भी निर्माण स्थल पर नहीं गया है इसलिए नहीं बता सकता कि कब काम चालू और इसे नदी के किनारे बनाया जा रहा है।
इस सम्बंध में मुझे जानकारी नहीं है अगर ऐसा हो रहा है तो मैं तत्काल कार्य को दिखवाता हूं: पीईओ श्री पैकरा
दोषियों के ऊपर होगी कार्रवाई
“”इस प्रकार की घटिया निर्माण कार्य बर्दाश्त नहीं की जाएगी, सीईओ प्रतापपुर को तत्काल निर्माण स्थल पर जांच करने भेजता हूं।जांच सही पाए जाने पर दोषियों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी।””
सीएस पैकरा
एसडीएम प्रतापपुर
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