देखें वीडियो : तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद बंगाल में दिल दहलाने वाली बर्बर हत्याएं, भाजपा की महिला पोलिंग एजेंटों के साथ सामूहिक दुष्कर्म
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद राज्य भर में भाजपा कार्यकर्ताओं की बर्बर तरीके से हत्या और महिला पोलिंग एजेंट के साथ सामूहिक दुष्कर्म का दौर शुरू हो गया है. बीरभूम जिले के नानूर से भाजपा उम्मीदवार तारक साहा कि पोलिंग एजेंट बनी दो महिला कार्यकर्ताओं से तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया है. एक कार्यकर्ता का अपहरण कर ले गये हैं.
इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र के 12 गांवों में भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं के साथ शारीरिक उत्पीड़न और यौन शोषण की घटनाएं लगातार हो रही हैं. प्रदेश भाजपा के प्रभारी और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया है कि एक दिन में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा गया है. इनमें से बेलियाघाटा के अभिजीत सरकार और सोनारपुर के हारन को बर्बर तरीके से पीट-पीट कर मौत के घाट उतारा गया है.
हत्या से पहले अभिजीत सरकार ने फेसबुक लाइव किया था, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र में हिंसा के बारे में जानकारी दी थी. उसके 15 मिनट के बाद उन्हें पीट-पीट कर मार डाला गया. रविवार रात ही अभिजीत सरकार नामक एक भाजपा कार्यकर्ता ने तृणमूल के कार्यकर्ताओं की हरकतों के बारे में बताया. उसके कुछ ही देर बाद उनकी हत्या कर दी गयी.
अभिजीत सरकार ने अपनी हत्या से पहले बताया कि तृणमूल के गुंडे लगातार बमबारी कर रहे थे और उन्होंने उनके घर और दफ्तर को तहस-नहस कर डाला. उन्होंने कहा कि उनकी एक ही गलती है कि वे भाजपा कार्यकर्ता हैं.
अभिजीत सरकार ने बताया था कि वे कुत्तों से काफी प्यार करते थे. उन्होंने कई बेसहारा कुत्तों को पाला था, जिनका कोई नहीं था. उनमें से एक मादा ने कुछ बच्चों को भी जन्म दिया था. अभिजीत सरकार ने उस कुत्ते की तरफ इशारा करते हुए कहा कि गुंडों ने इसके बच्चों को भी नहीं बख्शा और उन सभी को मार डाला. उन्होंने रोते-रोते इन हरकतों के बारे में बताया.
एक अन्य वीडियो में उन्होंने बताया कि उनके घर और दफ्तर को तोड़ डाला गया है. कुत्ते के पांच बच्चे को मार डाला गया. उन्होंने तृणमूल विधायक स्वर्ण कमल साहा के लोगों को इसके लिए दोषी ठहराया था. थोड़ी देर बाद ही तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उसके घर गये और पीट-पीट कर मार डाला.
पं. बंगाल की स्थिति देखकर और सुनकर ऐसा लगता है कि वहाँ प्रजतन्त्र की जरूरत अभी नहीं है सेना का शासन होना चाहिए । इस पर महामहिम तत्काल विचार करें । ऐसी अराजकता से अच्छा है वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू हो । किसी भी राजनीतिक दल को जीत का ऐसा अहंकार नहीं होना चाहिए ।
राष्ट्रपति शासन ही विकल्प दिख रहा है ।