ताकि तपती सड़क से पैरों में ना पड़ जाए छाले, पहनाई चप्पल, कई लोगों की राह हुई आसान कड़ी धूप में नंगे पैर बच्चों को देख अनोखी सोच के युवाओं का दिल पसीजा..
अंबिकापुर। दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्हें तो सिर्फ समझा जा सकता है। ऐसा ही एक मामला शहर के कई क्षेत्रों में देखने को मिला। जिसमें कुछ प्रवासी मजदूर पैदल चलकर अपने घरों को जा रहे थे। जिनके पैरों में ना तो चप्पल थी और ना ही जेब में उन्हें खरीदने के लिए पैसे। इनमें खासतौर पर बच्चे भी शामिल थे। तभी सड़क पर नंगे पैर बच्चों को देख अनोखी सोच संस्था ने उनके दर्द को समझा और आनन-फानन में उनके लिए बाजार से चप्पल मंगाई। यही नहीं शहर के कई गरीब इलाकों में पहुंचकर संस्था ने गरीब बच्चों को अपने हाथों से चप्पल पहनाया। ताकि गर्मी के इन दिनों में बच्चों के पैर में छाले ना पड़ जाए।
करीब एक सैकड़ा से अधिक खासकर बच्चों को संस्था ने चप्पलों का वितरण किया। इस दौरान अनोखी सोच संस्था के अध्यक्ष प्रकाश साहू ने कहा कि उनकी संस्था तो मात्र एक जरिया है।मदद तो सिर्फ ईश्वर करता है, इंसान तो उनके आदेशों का पालन करते हैं। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के इस विपरीत समय में उनकी संस्था द्वारा शहर के कई इलाकों में भोजन का वितरण शुरू से ही किया जा रहा है। कुछ स्थानों में देखा गया कि गरीब बच्चे खाली पैर ही घर से बाहर निकल कर तपती सड़क पर आकर भोजन ले रहे हैं। इसे देखते हुए तत्काल संस्था ने ऐसे बच्चों के लिए चप्पलों की व्यवस्था कराई। नगर के गांधी नगर थाना के पीछे घसिया पारा, पटपरिया, बाबू पारा अटल आवास, गंगापुर क्षेत्र में सैकड़ों बच्चों को अपने हाथों से संस्था के युवाओं ने चप्पल पहनाया।
गौरतलब है कि नगर के दर्री पारा क्षेत्र की स्थिति अनोखी स्वच्छ संस्था विगत कई वर्षों से शहर में अपनी एक अलग पहचान बनाई हुई है। समाज सेवा के क्षेत्र में नित्य नए कार्य इस संस्था के द्वारा किए जा रहे हैं। कोरोना वैश्विक महामारी के इस विपरीत समय में भी अनोखी सोच संस्था ने अपने कार्यों से ना सिर्फ लोगों का दिल जीता, बल्कि जरूरतमंदों के लिए एक बड़ा सहारा बन के सामने आई। लॉक डाउन में होटलों के बंद रहने व अन्य भोजन के संसाधनों के नहीं मिलने पर खासतौर पर अस्पतालों के सामने मरीजों के परिजनों को भूखे रहने के अलावा और कोई उपाय नहीं रह गया था। तब संस्था ने अस्पताल के सामने ही टेंट लगाकर सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की। दोनों समय का भोजन संस्था ने जरूरतमंदों को प्रदान किया। बाहर से पहुंचे प्रवासी मजदूरों के लिए भी संस्था ने बढ़-चढ़कर सेवा का कार्य किया।
संस्था लॉक डाउन के समय नगर के कई गरीब क्षेत्रों में जब पहुंची तो खाली पैर के साथ-साथ कई ऐसे बच्चे भी दिखाई दिए जिनके शरीर पर कपड़े नही थे, कुछ बच्चे फटे पुराने वह गंदे कपड़ों में दिखाई दिए। ऐसी परिस्थिति को देखकर संस्था ने ऐसे स्थानों का चुनाव किया और उन क्षेत्रों में जाकर सैकड़ों बच्चों को नए कपड़े प्रदान किए। इनमें शहर के गंगापुर आयुर्वेदिक अस्पताल के पास का क्षेत्र, गांधीनगर घसियापारा बस्ती, परसापाली सहित अन्य क्षेत्र शामिल है।
इस नेक कार्य को सफल बनाने में संस्था के अध्यक्ष प्रकाश साहू, कोषाध्यक्ष अभय साहू, सचिव पंकज चौधरी, दिनेश गर्ग, भुनेश्वर साहू ,भोला रक्सैल, निशांत जायसवाल, विकास मिश्रा, सुनील साहू, सतीश, प्रदीप, गोपी साहू, मनोज अग्रवाल, ओम प्रकाश गुप्ता, प्रकाश खैरवार, नीरज साहू, बृजेश, अनिल दास, ननकू मुंडा, अर्जुन, सत्यम, रंजीत, बनाफर केरकेट्टा, संजू चटर्जी, शैलेंद्र मुंडा, देव कुमार साहू, लरंग मुंडा, बजरंग साहू ,अजय साहू, सावन केरकेट्टा, विकास, डबल साहू ,विमल साहू, मुकेश, संदीप, रुपेश बेहरा, रॉकी सहित अन्य सदस्य पूरे लॉक डाउन में भोजन तैयार करने और उनके पैकेट तैयार करने से लेकर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जरूरतमंदों को सेवा पहुंचाने सक्रिय हैं।