दावों के विपरीत वन अधिकार पट्टा की भूइंया पोर्टल में एंट्री नहीं ,समिति ने किया धान खरीदने से इनकार.. संरक्षित पंडो किसान कर्ज से परेशान .. देखें वीडियो
अमित श्रीवास्तव , हिंद शिखर न्यूज अंबिकापुर। शासन द्वारा समय-समय पर यह दावा किया जाता है कि वनाधिकार मान्यता अधिनियम से वनवासियों को जो वनों में निवास कर रहे हैैैंं , वह जनजाति कोई भी हो, को भूमि स्वामी का हक मिल रहा है, जमीन का पट्टा मिलने से शासन की योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। सरगुजा संभाग में वनाधिकार मान्यता अधिनियम के तहत अब तक लगभग सवा लाख अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परंपरागत वनवासियों को वनाधिकार पत्र वितरित किये गए है।
शासन के दावो के विपरीत सरगुजा जिले के रामगढ़ पर्वत की तराई मे बसे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र और विशेष संरक्षित पंडो किसान कर्ज में डूबे हुए हैं पंडो किसानों की धान खरीदी नहीं होने से समिति से लिए गए कर्ज को चुकाने की चिंता सता रही है ग्राम मृगाडाँड़ के करीब सात पंडो किसान ऐसे हैं जो वन अधिकार पट्टा की भूमि के आधार पर समिति से कर्ज लिए लेकिन अब धान बेचने की बारी आई तो वन अधिकार पट्टा की भूमि होने का हवाला देकर समिति प्रबंधक ने धान खरीदी करने से मना कर दिया है। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष संरक्षित जनजाति के पंडों किसान जोकि सहज और सरल जीवन जीने के लिए जाने जाते हैं. इन लोगों को अब खाद और बीज के लिए सरकारी समिति से लिए गए कर्ज को चुकाने की चिंता सता रही है आपको बता दें वन ग्राम मृगाडाँड़ में पंडो किसानों को वन अधिकार पत्र मिला है उसी जमीन में उनके द्वारा धान की खेती कर्ज लेकर की गई लेकिन अब धान बेचने पर संकट खड़ा हो गया है।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार से मिले वन अधिकार पट्टा का शासन के भुइयां साफ्टवेयर में आनलाइन नहीं होने के कारण समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं किया जा रहा है। ऐसे ही ग्राम मृगाडाँड़ के धरम साय पंडो, श्यामलाल पंडों, जवाहिर पंडो, संभल साए पंडो अनिल पंडो रनसाए पंडो मानकुंवर पंडो ऐसे किसान हैं जिन्हें वन अधिकार पट्टा शासन से मिला है इनके द्वारा धान की खेती के लिए कर्ज लिया गया है। इन 7 किसान पंडों किसान पंडों के द्वारा कुल एक लाख आठ हजार सात सौ पैतीस रुपये कर्ज लिया गया है, जिन्हें वे धान नहीं बिक पाने की वजह कर्ज पटाने में असमर्थ हैं वे अब मजदूरी कर इसे पटाने की बात कह रहे हैं।
धरम साय, पंडो किसान
श्यामलाल पंडो किसान
लीलावती पंडो किसान जवाहिर की पत्नी
पंडो किसानों का धान खरीदी नही किये जाने की बात को लेकर उदयपुर सहकारी समिति प्रबंधक ने बताया कि वन अधिकार पट्टा का रकबा ऑनलाइन नही होने की वजह से इन किसानों का धान पंजीयन खरीदी नहीं हो पा रहा है ।
प्रेम कुमार राजवाडे समिति प्रबंधक उदयपुर
बहरहाल वन अधिकार पट्टे से पंडो किसानों को धान की खेती के लिए कर्ज तो दे दिया गया लेकिन अब भूइंंया पोर्टल में वन अधिकार पट्टा के तहत दी गई भूमि की एंट्री नहीं होने की बात कह कर धान नहीं खरीदी करने में आनाकानी की जा रही है ऐसे में किसान कर्ज चुकाने की चिंता से परेशान है।