हाथियों से फसल को हुए नुकसान का आकलन करने जंगल गए फॉरेस्ट गार्ड को मिला मादा हाथी का शव
हरीश पारीक, हिंद शिखर न्यूज़ जशपुर। जँगली हाथियों से खेत को हुए नुकसान का आंकलन करने गए फारेस्ट गार्ड को जंगल में एक मादा हाथी का शव मिला । हथिनी का खून से सना शव मिलने से ग्रामीणों को आशंका है कि हाथियों में आपस मे लड़ाई हुई है । उपवनमण्डलाधिकारी अभिषेक जोगावत ने घटना की पुष्टि करते हुए इस मामले की जांच शुरू कर दी है। संसदीय सचिव यूडी मिंज ने इस घटना की पूरी वीडियोग्राफी करते हुए बारीकी से जांच करने के निर्देश दिए हैं ।
दरअसल, कुनकुरी वन परिक्षेत्र का अम्बाटोली गांव से लगे जंगल में 13 जंगली हाथियों का दल बीते एक पखवाड़े से विचरण कर रहा है. हाथियों का यह दल जंगल के समीप किसानों के खेतों में धान की फसल को लगातार नुकसान पहुंचा रहा था.
कुनकुरी वन अधिकारी अभिषेक जोगावत ( SDO ) ने बताया कि इस जंगल मे जहाँ मृत हथिनी का शव मिला है उस के आसपास बिजली लाईन नहीं होने से करेंट से मौत की संभावना बिल्कुल नहीं है.घटनास्थल का मुआयना कर लौटे आईएफएस जोगावत ने यह भी बताया कि प्रथम दृष्टया यह सम्भव है कि हाथियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में हथिनी घायल होकर ढलान पर फिसलते हुए चट्टान से टकराई हो और उसकी मौत हो गई हो। दूसरी सम्भावना यह भी जताई गई कि हथिनी गर्भवती हो सकती है जिसे लेबर पेन हुआ हो और वह दर्द से गिरकर बेहोश हुई हो। हालांकि उन्होंने बताया हाथी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकती हैं.
वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर सभी पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है.सबसे बड़ी चुनौती हथिनी के शव का पीएम कराना । यहां तक शव को उठाने के लिए जेसीबी जैसे बड़े वाहन जाने का रास्ता नहीं है । वहीं शव को नीचे धकेला जाय तो गड्ढे में जाने के बाद पीएम कराना बहुत मुश्किल हो सकता है। कल सीसीएफ भी घटनास्थल का मुआयना करने आने की सूचना मिली है । सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार सूर्यास्त के बाद पीएम नहीं किया जा सकता है। इसलिए डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव के निर्देश पर एसडीओ फारेस्ट IFS अभिषेक जोगावत ने शव की सुरक्षा के लिए वन अमले को जंगल मे लगा दिया है ।