राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्यों को भरने होंगे शिक्षकों के खाली पद, छत्तीसगढ़ में भी काफी संख्या में रिक्त है पद , जानिए राज्यवार रिक्त पदों की संख्या
हिंद शिखर समाचार/ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में जुटे राज्यों को सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भी भरना होगा नई शिक्षा नीति सबसे पहले शिक्षकों की वैकेंसी भरने पर फोकस करेगी। यह नीति छात्र-शिक्षक अनुपात पर खास ध्यान देगी। नई शिक्षा नीति के पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स के अनुसार सबसे पहले समय रहते शिक्षकों की वैकेंसी को भरा जाएगा। ये वैकेंसी ऐसी इलाकों में पहले भरी जाएंगी, जो वंचित इलाके, ऐसे इलाके जहां छात्रों -शिक्षक अनुपात अधिक है और जहां अशिक्षा की दर ज्यादा है।
सबसे खास ध्यान स्थानीय शिक्षकों को नौकरी देना या ऐसे जो वहां की स्थानीय भाषा को जानते हैं। हर स्कूल में कम से कम छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 का होगा। ऐसे इलाके जो सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित है उन स्टूडेंट्स के लिए यह अनुपात 25:1 करने का लक्ष्य होगा। इसके अनुसार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा, प्रोत्साहित और उनका निरंतर व्यावसायिक विकास किया जाएगा।
मूलभूत साक्षरता और मूल्य आधारित शिक्षा के साथ संख्यात्मकता पर फोकस किया जाएगा, सामान्यत: प्री और मिडिल स्कूल पाठ्यक्रम में पढ़ने, लिखने, बोलने, गिनने और अर्थमेटिक और मैथ्स थिंकिंग पर खासा ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक छात्र की लर्निंग को सुनिश्चित करने के लिए सतत रूपात्मक / अनुकूली मूल्यांकन की मजबूत प्रणाली बनाई जाएगी।
मौजूदा समय में देश में शिक्षकों के 10 लाख से ज्यादा पद खाली प्रमुख राज्य और शिक्षकों के खाली पदों की संख्या
बिहार –2.75 लाख
उत्तर प्रदेश–2.17 लाख
झारखंड –95 हजार
मध्य प्रदेश–91 हजार
बंगाल- -72 हजार
राजस्थान- 47 हजार
छत्तीसगढ़- 51 हजार
आंध्र प्रदेश- 34 हजार
उत्तराखंड- 18 हजार