अम्बिकापुर

राम लखन बने छ.ग. अर्चरी एसोसियशन के उपाध्यक्ष, अधिवक्ता राजेश तिवारी बने सलाहकार

तीरंदाजी को बढ़ावा देने और प्रतिभाओं को तराशने सरकार के साथ मिलकर करेंगे काम- रामलखन सिंह

अंबिकापुर ।
सरगुजा क्षेत्र के लोकप्रिय आदिवासी नेता रामलखन सिंह पैकरा को छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी (तीरंदाजी) एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बनाए गए। पिछले दिनों मुख्यमंत्री निवास में आयोजित एसोसिएशन की आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अध्यक्ष चुनने के साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी में रामलखन पैकरा को उपाध्यक्ष बनाया गया। सलाहकार के रूप में अम्बिकापुर के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश तिवारी जी को बनाया गया इस अवसर पर छत्तीसगढ़ आर्चरी एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रामलखन सिंह पैकरा ने खुशी जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में गठित समिति में पदाधिकारी होना मेरे लिए सम्मान व गर्व का विषय है। सभी के सहयोग और मार्गदर्शन में आर्चरी एसोसिएशन के कार्यों को और बेहतर तरीके से हम आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि आर्चरी (तीरंदाजी) हम सभी लोगों का विशेष रूप से जनजातियों का पसंदीदा खेल है। सरगुजा संभाग में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा निवास करती है। ये लोग बड़े धनुर्धर होते हैं, प्राचीन काल में पहाड़ी कोरवा तीर धनुष से शिकार करते थे। आज भी उनके हर घर में तीन धनुष रहता है। उन्होंने कहा कि इन लोगों की तीरंदाजी की नैसर्गिक प्रतिभा को तराशने के प्रयास किए जाने चाहिए। अभी प्रदेश में तीरंदाजी की तीन अकादमी हैं। हम सरगुजा संभाग में भी आर्चरी अकादमी का विस्तार करेंगे। तीरंदाजी को बढ़ावा देने और प्रतिभाओं को तराशने के लिए राज्य सरकार के साथ हम सब मिलकर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को तीन करोड़ रुपए, रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ी को दो करोड़ रुपए तथा कांस्य पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को एक करोड़ रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। श्री पैकरा ने कहा आगे आने वाला समय में सभी जिलों में तिरंदाजी संघ का जिला टीम का गठन किया जावेगा एवं जिला स्तरीय तिरंदाजी प्रतियोगिता आयोजित कर प्रतिभावानों को समाज एवं सरकार के सामने लाने का प्रयास किया जायेगा। आगे उन्होंने कहा कि छ.ग. के लोकप्रिय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के तीरंदाजी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बनने से छ.ग. में विलुप्त हो रहे तिरंदाजी तीर धनुष का सुदूर बनांचल क्षेत्र से लेकर नगरी क्षेत्र में भी तिरंदाजी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। नव निर्वाचित प्रदेश उपाध्यक्ष राम लखन सिंह पैंकरा ने कहा कि प्राचीनकाल से चली आ रही तीर धनुष भारत में सत्युग द्वापर त्रेता युग में युग में भी देवी देवता से लेकर सुदूर वनांचल क्षेत्र में भी आदिवासीयों से लेकर मर्यादा पुरूषोत्म भगवान श्री राम एवं कौरव पाण्डवों महाराणा प्रताप छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर विरांगना महारानी दूर्गावती सभी राजा महाराजाओं का भी तीर धनुष जंगली जानवरों से रक्षा एवं शिकार करने की बात हो या विदेशी आक्रमणकारियों से भी लोहा लेने एवं दूश्मनों को परास्त करने का महत्वपूर्ण हथियार तीर धनुष रहा है। कम संसाधन में वर्तमान समय में भी तीर धनुष को छ.ग. में बढ़ावा देने के दृष्टि से छ.ग. के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के अध्यक्ष बनने से तीरंदाजी के विलुप्त हो रहे प्रतिभा को आगे लाने का प्रतिभावानों को अवसर मिलेगा।

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