भारी पुलिस पर बल की उपस्थिति में परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना के लिए 11 हजार पेड़ों की कटाई प्रारंभ, कटाई का विरोध करने गये लोगों को बस में भरकर लखनपुर और उदयपुर थाना भेजने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप
फारेस्ट विभाग के सूत्रों के हवाले से खबर लगभग 11 हजार पेड़ों की होगी कटाई
उदयपुर । परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना फेस 2 के लिए पेड़ों की कटाई प्रशासन द्वारा जारी है, सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात कर की जा रही है कोल खदान के लिए पेड़ों की कटाई प्रभावित ग्राम के लोगों द्वारा जंगल में घुसकर रात से ही पहरा दिया जा रहा परंतु विरोध करने वाले दर्जनों लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है आंदोलनकारियों को बसों में भरकर उदयपुर और लखनपुर थाना भेजे जाने की बात कही गई है।
फारेस्ट विभाग के सूत्रों के हवाले से खबर लगभग 11 हजार पेड़ों की होगी कटाई।
पेड़ों के अंधाधुंध कटाई से व्यथित उदयपुर क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार एवं कवि क्रांति कुमार रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट के जरिए प्रगट की अपनी व्यथा
“सालों लग जाते है एक पौधे को पेड़ बनने में।
बड़ी बेदर्दी से काट देते है ये बेरहम, इनको मिनटों में।
दर्दनाक किंतु सत्य हसदेव अरण्य क्षेत्र के जंगलों में पेड़ों की दर्दनाक अंत जारी है।
बजाइए ताली क्योंकि अब ये दुबारा देखने को नहीं मिलेंगे। पर्यावरण का विनाश, जैव विविधता का विनाश, पशु पक्षी के घरोंदो का सर्वनाश, जानवर और मानव द्वंद में बढ़ोतरी, जल स्तर में कमी साथ ही बेतहाशा गर्मी हमारे हिस्से में आने वाली है।
आज जो परिस्थितियां चल रही है और जिस तरह से उदयपुर ब्लॉक में कोल ब्लॉक आबंटन हो रहा है कुछ सालों में या कहे एक या दो दशक में उदयपुर ब्लॉक में जंगल देखने को नहीं मिलेंगे।
बूंद बूंद पानी को तरसेंगे
गर्मी से तड़प तड़प के मरने की नौबत आयेगी
रुपया वालों का क्या है वह तो यहां नहीं कहीं और जाकर अपनी दुनिया बसा लेंगे परंतु आम आदमी और हमारे भोले भाले ग्रामीण एसटी एससी ओबीसी कहां जायेंगे ?”
सवाल आप सब के लिए है, जवाब जरूर दीजियेगा ।