अन्तर्राष्ट्रीय

भविष्य में नहीं पैदा होंगे लड़के, दुनिया में रह जाएंगी सिर्फ लड़कियां… रिसर्च में वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला दावा Y क्रोमोसोम हो रहा है तेजी से लुप्त

हिन्द शिखर न्यूज डेस्क – यह बात आपको किसी फिल्म की कहानी जैसी लग सकती है, लेकिन हाल ही में हुए वैज्ञानिक शोध ने इस पर एक बहस छेड़ दी है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भविष्य में इस दुनिया में पुरुषों के अस्तित्व पर खतरा हो सकता है, जिससे पता चलता है कि लड़कों का जन्म खत्म हो सकता है। शोध के अनुसार, ग्रह पर अंततः केवल महिलाएँ ही रह सकती हैं, चाहे वे मानव हों या जानवर। जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन इन संभावनाओं की ओर इशारा करता है।

एक महिला की कोख में पल रहा बच्चा लड़का होगा या लड़की, ये उसके क्रोमोसोम्स से तय होता है. क्रोमोसोम्स को हिंदी में गुणसूत्र भी कहते हैं. जो वाकई किसी सूत्र की तरह होते हैं. अगर कोख में लड़की है तो उसके क्रोमोसोम्स होंगे एक्स और एक्स और अगर भ्रूण में पल रहा बच्चा लड़का है तो उसके क्रोमोसोम्स होंगे एक्स और वाय. इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब महिला और पुरुष के एक्स क्रोमोसोम्स मिलते हैं तो लड़की का जन्म होता है और एक्स और वाय क्रोमोसोम मिलते हैं तो लड़के का जन्म होता है. इस वाय क्रोमोसोम से जुड़ी साइंस अलर्ट की एक न्यूज चौंकाने वाली है.

रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
साइंस अलर्ट ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में जो खतरा जताया है पुरुषों की संख्या घटने की तरफ इशारा करता है. रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों के अंदर ही अब वाय क्रोमोसोम कम हो रहा है या कमजोर पड़ रहा हैं. नई रिसर्च के मुताबिक साल दर साल एक्स और वाय क्रोमोसोम में संतुलन गड़बड़ हो रहा है. बीते 166 मिलियन वर्ष की बात करें तो वाय क्रोमोसोम से करीब 900-55 सक्रिय जीन खो चुके हैं. एक मोटे आकलन के मुताबिक हर दस लाख साल में इस क्रोमोसोम से 5 जीन कम हो रहे हैं. इस आकलन के हिसाब से माना जा रहा है कि 11 मिलियन साल में वाय क्रोमोसोम पूरी तरह खत्म हो जाएगा. इस फेक्ट ने वैज्ञानिकों को भी सकते में डाल दिया है.

ऐसे तय होता है पुरुषों का जन्म
वाय क्रोमोसोम अगर कम हुआ या खत्म हुआ तो लड़कों का जन्म लेना मुश्किल होगा. आपको बता दें कि एक्स क्रोमोसोम में करीब 900 जीन होते हैं. जबकि वाय क्रोमोसोम में करीब 55 जीन होते हैं साथ ही बहुत सारे गैर कोडिंग डीएनए भी मौजूद होते हैं. किसी भी महिला के प्रेग्नेंट होने के 12 हफ्ते बाद इसका मास्टर जीन एक्टिव होता है और ये सुनिश्चित करता है कि बच्चे में लड़कों वाले गुण विकसित होंगे.

शोध क्या कहता है

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित शोध से संकेत मिलता है कि Y गुणसूत्र, जो पुरुष लिंग का निर्धारण करता है, धीरे-धीरे खराब हो रहा है। इस बात की चिंता बढ़ रही है कि अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो पुरुष प्रजाति अंततः गायब हो सकती है। अध्ययन में आगे दावा किया गया है कि अगर कोई नया जीन नहीं उभरता है, तो पुरुष आबादी विलुप्त हो सकती है। यह देखा गया कि पूर्वी यूरोपीय मोल वोल और जापान के स्पाइनी चूहों जैसी प्रजातियाँ पहले ही अपने Y गुणसूत्र खो चुकी हैं।

Y गुणसूत्र क्या है?

वैज्ञानिकों के अनुसार, Y गुणसूत्र एक प्रकार का गुणसूत्र है जो पुरुष लिंग का निर्धारण करने के लिए महत्वपूर्ण है और केवल पुरुषों में ही मौजूद होता है। यह पुरुष के आनुवंशिक मेकअप में एक्स क्रोमोसोम के साथ मिलकर काम करता है। वाई क्रोमोसोम पुरुष-विशिष्ट लक्षणों के विकास में योगदान देता है। इसके विपरीत, महिलाओं में दो एक्स क्रोमोसोम होते हैं, जबकि पुरुषों में एक एक्स और एक वाई क्रोमोसोम होता है। चिकित्सा विज्ञान से मिली इस जानकारी ने पुरुष प्रजाति के भविष्य को लेकर चिंता पैदा कर दी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button