ISRO ने फिर रचा इतिहास , भारत के पहले सूर्य मिशन को बड़ी कामयाबी, अपनी मंजिल एल-1 प्वाइंट पर पहुंचा आदित्य यान
मंगलयान और चंद्रयान की सफलता के बाद भारत ने फिर इतिहास रच दिया है. सूर्य मिशन पर निकला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का आदित्य एल-1 सूर्य मिशन अपनी मंजिल लग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1) पर पहुंच कर एक कीर्तिमान हासिल किया है. इसके साथ ही भारत ने नए साल में अंतरिक्ष की दुनिया में एक और नई कामयाबी हासिल कर ली है. इस अहम कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके बधाई दी है.
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की. भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल 1 अपने गंतव्य तक पहुंची. पीएम मोदी ने आगे लिखा है कि यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.
सितंबर को शुरू हुई आदित्य एल1 की यात्रा 37 लाख किलोमीटर का सफर पूरा करके हैलो ऑर्बिट में पहुंचने वाली है. इसके बाद भारत की पहली सोलर ऑब्जरवेटरी धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थापित हो जाएगी.
किसे कहा जाता है हेलो ऑर्बिट
एल-1 प्वाइंट के आसपास के क्षेत्र को हेलो ऑर्बिट के रूप में जाना जाता है, जो सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बीच मौजूद पांच स्थानों में से एक है, जहां दोनों पिंडों का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के बीच साम्यता है. मोटे तौर पर ये वे स्थान हैं, जहां दोनों पिंडों की गुरुत्व शक्ति एक दूसरे के प्रति संतुलन बनाती है. पृथ्वी और सूर्य के बीच इन पांच स्थानों पर स्थिरता मिलती है, जिससे यहां मौजूद वस्तु सूर्य या पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में नहीं फंसती है. इसरो के एक वैज्ञानिक के अनुसार हेलो ऑर्बिट सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के घूमने के साथ-साथ घूमेगा.
सूरज की स्टडी करना शुरू कर देगा
सूर्य के एल1 प्वाइंट पर पर धरती और सूर्य का ग्रैविटेशनल फोर्स एक समान रहता है. इसरो के वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी चुनौती L1 प्वाइंट के चारों ओर एक ऑर्बिट में आदित्य एल1 को रखना है. शनिवार की शाम आदित्य L1 लग्रेंज1 प्वाइंट के पास निर्धारित हेलो ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया. अब आदित्य L 1 उपग्रह लग्रेंज1 प्वाइंट के चारों ओर घूमते हुए सूरज की स्टडी करेगा.