राहत केंद्र बना हाथी प्रभावितों के लिए सुरक्षित ठिकाना ग्रामीणों से रात्रि में राहत केन्द्रों में ही रहने की अपील
महेश यादव । मैनपाट के हाथी प्रभावितों के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत केंद्र में प्रभावित गांव के ग्रामीण रात्रि में सुरक्षित रह रहे हैं। शाम होते ही पटवारी, कोटवार और बीट गार्ड ग्रामीणों को राहत केन्द्रों में जाने की पहल शुरू करते है। सभी को राहत केंद्र पहुंचाने के बाद इसकी सूचना नोडल अधिकारी को दी जाती है।
कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देशानुसार हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों को हाथी के हमले से बचाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को राहत केन्द्र बनाया गया है जहां कच्चे मकान में रहने वाले ग्रामीणों को रात्रि में ठहराया जा रहा है। राजस्व, महिला बाल विकास व वन विभाग के संयुक्त टीम लगातार मॉनिटरिंग कर ग्रामीणों को रात्रि में घर से न निकलने तथा राहत केन्द्रों में ही रहने कहा जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को अपर कलेक्टर श्रीमती तनुजा सलाम व एसडीएम सीतापुर अनमोल टोप्पो ने मैनपाट के हाथी प्रभावित गांव का दौरा कर राहत केन्द्रों की व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों को रात्रि में राहत केन्द्रों में ठहरने की समझाइश दी तथा व्यवस्था में तैनात कर्मचारियों को जरूरी निर्देश दिए।
जिला प्रशासन द्वारा हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों को बार-बार सतर्क करने के साथ अपील की जा रही है कि प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। रात्रि में केवल राहत केन्द्रों में ही रहे।
ज्ञातव्य है कि विगत दिनों मैनपाट के बवापहाड़ निवासी एक ग्रामीण के द्वारा प्रशासन के निर्देशों की अनदेखी करते हुए रात्रि में अन्य ग्राम से जंगल के रास्ते अपने गांव आ रहा था जंगली हाथियों से सामना होने पर उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।