सृष्टि हॉस्पिटल ही नहीं यहां भी फर्जी डॉक्टर इलाज करता रहा, 2 डिग्री और दोनों ही फर्जी
सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज में पथरी के बदले किडनी निकालने वाला डॉक्टर ना सिर्फ एमबीबीएस बल्कि एमएस जनरल सर्जन की डिग्री का भी धारक है। उसकी दोनों डिग्रियां फर्जी पाई गई है। वह न सिर्फ सृष्टि मेडिकल बल्कि रिसदी क्षेत्र में संचालित श्वेता हॉस्पिटल में भी बतौर चिकित्सक कार्य कर रहा था। यह तो एक मामला उजागर हुआ है लेकिन न जाने वह इस तरह या अन्य तरह के न जाने कितने लापरवाही भरे दूसरे मामलों का गुनहगार होगा।
कोतवाली थाना क्षेत्र के तुलसीनगर में रहने वाले संतोष गुप्ता ने सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर में 2 मार्च 2012 को पथरी का उपचार कराया। सृष्टि में कार्यरत चिकित्सक डॉ. एसएन यादव के द्वारा संतोष का उपचार किया गया लेकिन संतोष की जानकारी और सहमति के बगैर उसकी दायीं किडनी निकाल ली गई। शिकायत बाद कलेक्टर के निर्देश पर जांच में आरोप की पुष्टि हुई। सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. सीके सिंह ने रामपुर पुलिस चौकी में एफआईआर दर्ज कराई।
डॉ. यादव द्वारा एमबीबीएस, एमएस जनरल सर्जरी से उत्तीर्ण एवं बिहार काउंसिल ऑफ मेडिकल रजिस्ट्रेशन में पंजीकृत बताया गया है। वह बिहार मेडिकल काउंसिल के पंजीयन के आधार पर छत्तीसगढ़ में प्रैक्टिस नहीं कर सकता। डॉ. यादव के द्वारा प्रस्तुत एमबीबीएस के प्रमाण पत्र की जांच गुवाहाटी युनिवर्सिटी तथा एमएस जनरल सर्जरी के डिग्री का सत्यापन द तमिलनाडु एमजीआर मेडिकल युनिवर्सिटी से कराया फर्जी पाई गई। इस तरह डॉ. यादव अवैधानिक रूप से जिले में चिकित्सा व्यवसाय में संलिप्त पाया गया।
डॉ. एसएन यादव फर्जी तरीके से सृष्टि हास्पिटल के अलावा श्वेता हास्पिटल जेल रोड में सेवा दे रहा था। गैर लाइसेंसी एवं बिना मान्यता प्राप्त चिकित्सक डॉ. यादव की सेवा लेने वाले संस्थान सृष्टि हास्पिटल एवं श्वेता हास्पिटल के विरूद्ध भी आवश्यक कार्यवाही करने की अनुशंसा रिपोर्टकर्ता डॉ. सीके सिंह ने की है। रामपुर चौकी प्रभारी निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। विवेचना के तथ्यों के आधार पर और भी जिन्हें दोषी पाया जाएगा उन्हें एफआईआर में आरोपी बनाया जाएगा।