आईपीएल के सभी मैच सस्पेंड, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच बीसीसीआई ने लिया फैसला, कई खिलाड़ी हो चुके हैं संक्रमित
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच आईपीएल को सस्पेंड करने का फैसला किया गया है.पिछले कुछ दिनों से आईपीएल की कई टीमों में कोरोना के केस सामने आए थे, जिसके बाद BCCI ने ये फैसला लिया है. टीम के खिलाड़ियों ओर सदस्यों के लगातार पॉजिटिव होने के बाद यह फैसला लिया गया.
कोरोना के संक्रमण काल में बीसीसीआई ने मजबूत ‘बायो-बबल’ का हवाला दिया था, जिसके बाद 29 मैच ही सफलतापूर्वक कराए जा सके. चेन्नई और मुंबई के चरणों के सभी चेन्नई और मुंबई के चरणों के सभी मैच पूरे हुए. लेकिन अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सीजन के 30वां मैच नहीं खेला जा सका था.
दरअसल, आज दिल्ली में होने वाले मुंबई-सनराइजर्स मैच को लेकर पहले से ही चिंता बनी हुई थी, क्योंकि मुंबई इंडियंस ने शनिवार को सीएसके के खिलाफ मैच खेला था और मैच के दौरान बालाजी उसके कई खिलाड़ियों के संपर्क में आए थे. और अब सनराइजर्स के ऋद्धिमान साह कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर आई है. KKR के वरुण चक्रवर्ती और संदीप वॉरियर पहले ही पॉजिटिव पाए गए थे. रिपोर्ट ये भी है कि दिल्ली कैपिटल्स के अमित मिश्रा भी पॉजिटिव हैं.
कोरोना काल में आईपीएल के आयोजन पर सवाल उठ रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया के तीन खिलाड़ी आईपीएल-14 से हट चुके हैं. इसमें एडम जाम्पा, केन रिचर्डसन और एंड्रयू टाई हैं. जाम्पा ने आईपीएल-14 छोड़ने की वजह बायो-बबल को बताया. उन्होंने कहा कि भारत में बायो-बबल छोड़ने के बाद उतना सुरक्षित महसूस नहीं होता, जितना यूएई में आईपीएल 2020 के दौरान लगता था. हालांकि बाद में वह अपने बयान से पलट गए थे.
क्या होता है बायो-बबल
क्या होता है बायो बबल
विकिपीडिया के अनुसार ‘बायो बबल’ या जैविक सुरक्षित वातावरण एक ऐसा माहौल या स्थिति को तैयार करना है जहां खिलाड़ियों व टूर्नामेंट से जुड़े लोगों का बाहरी कनेक्शन पूरी तरह टूट जाए। वहां सब कुछ स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) के नियमों के तहत होता है। सभी खिलाड़ियों को इसके नियमों का कड़ाई से पालन करना पड़ता है। वो टूर्नामेंट के समय तक बाहरी दुनिया से शारीरिक तौर पर पूरी तरह से कट जाते हैं। उन्हें उस जैविक सुरक्षित माहौल से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती। ये एक काल्पनिक बुलबुले जैसा है, जिसमें टूर्नामेंट खत्म होने तक खिलाड़ियों को काफी संयमित ढंग से रहना होता है।
कहां बनाया जाता है बायो बबल
बायो बबल का किसी होटल या स्टेडियम के हिस्से में बनाया जा सकता है। ऐसी जगह चुनी जाती है जहां बबल के बाहर किसी से संपर्क आसानी से न हो। इसमें रहने वाले खिलाड़ियों को बाहरी निश्चित जगह पर जाने की इजाजत होती है। खिलाड़ियों, स्टाफ, और चिकित्सा कर्मियों के लिए अलग-अलग जैव-सुरक्षित क्षेत्र बनाए जाते हैं और फिर सभी को अपने निश्चित क्षेत्रों में ही रहना पड़ता है।
अगर बबल से बाहर निकले तो…
खिलाड़ियों को टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही हिदायत दे दी जाती है कि बबल से बाहर ना निकलें। हालांकि, अगर कोई विशेष परिस्थिति में बाहर जाना चाहता है तो उसे इजाज मिल जाती है। लेकिन दोबारा बबल में लौटना बेहद मुश्किल होता है। अगर मैंनेजमेंट अनुमति दे तो क्वारनटीन रहकर बबल में लौटना पड़ता है। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद ही ऐसा किया जा सकता है। वहीं, बीसीसीआई के मुताबिक, अगर कोई बायो बबल तोड़ता है तो वो कोड ऑफ कंडक्ट का दोषी माना जाएगा।