अम्बिकापुर…. इंजीनियर के आत्महत्या के मामले में आया नया मोड़….इंजीनियर के परिजनों ने लगाए विभागीय अधिकारी व ठेकेदार पर गंभीर आरोप
अंबिकापुर:- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभागमें कार्यरत उप यंत्री मोहित शर्मा की आत्महत्या को उनके परिजनों ने संदिग्ध मान रहे हैंं। और विभाग के ही ईई, ठेकेदार व् अन्य कर्मचारी पर आत्महत्या को प्रेरित करने के करने के आरोप लगाये हैं |बड़े भाई मनोज शर्मा ने बताया कि मेरा भाई मोहित शर्मा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अम्बिकापुर में उप यंत्री के पद पर कार्यरत था। जिसके द्वारा गत १७ तारिख को आत्महत्या कर गई। मेरे भाई मोहित शर्मा को 5 – 7 वर्षों से मेरी जानकारी के अनुसार, वर्षो से नींद न आने की बीमारी से ग्रसित था। जिसका उपचार इन्दौर के मनोरोग चिकित्सक द्वारा किया जा रहा था। दिनांक 10/05/2020 को उसके द्वारा मुझे मोबाइल फोन पर बताया कि ईई माहेश्वरी, ठेकेदार एवं एक अन्य कर्मचारी द्वारा उसे प्रताड़ित किया जा रहा है, एवं इलाज हेतु छुट्टी भी नहीं दी जा रही है। और मुझे विगत 6-7 दिनों से नींद भी नहीं आ रही है। मेरा भाई मोहित शर्मा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में स्टोर इन्चार्ज था। ईई द्वारा विभागीय खरीदी में 140 नलकूपों की खरीदी की गई जो उक्त ठेकेदार द्वारा सप्लाई किये गए। समस्त नलकूप मेरे भाई द्वारा स्टोर प्रभारी होने के नाते जारी किए गए, जो अन्य उपयंत्रियों के माध्यम से विभिन्न जगहों पर स्थापित हुए। कुछ समय पश्चात ये ज्ञात हुआ कि नलकूप अमानक स्तर के है, जैसे नलकूप का भार 80 किलो के स्थान पर 70 किलो है एवं उसकी चादर की मोटाई 4mm के स्थान पर 3.5mm है। इधर ठेकेदार भुगतान के लिये दबाव बना रहा था। ठेकेदार स्वयं को चीफ ईजीनियर का खास आदमी बताकर दबाव बनाता रहा दूसरी ओर ईई द्वारा 1 लाख रू की मांग लगातार की जाती रही। मेरे भाई द्वारा बताया गया कि ईई द्वारा किसी संभागीय स्तर की बैठक का हवाला देकर उक्त नलकूपों को अन्य स्थानों पर भी सप्लाई होना एवं स्थापित होना बताकर नलकूपों की खरीदी के बचे हुए नलकूपों को प्राप्त करने के लिए दबाव बनाया गया। मेरे भाई द्वारा मना किये जाने पर, ईई द्वारा मेरे भाई को बर्खास्त करने, विभागीय जांच करवाने, फुटपाथ पर लाने, ईत्यादि का कहकर लगातार प्रताड़ित किया गया। ईई द्वारा मेरे भाई को उपचार हेतु प्रताडऩा स्वरूप छुट्टी भी नही दी गई। पूर्व से प्रताडित एवं बीमारी से ग्रसित मेरा भाई अनुचित दबाव नहीं झेल पाया और उसको आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर विवश किया गया। श्री शर्मा ने आरोप लगाया है कि निश्चित रूप से मेरा भाई दबाव और मानसिक रूप से परेशां था इसी कारण उसने सुसाइड नोट की अंतिम लाइन में इस ओर इशारा भी किया है उन्होंने विभाग के दो लेबर का नाम लिख रिकॉर्डिंग सुनने का लेख किया है,जिससे प्रकरण में बहुत बड़ा खुलासा हो सकता है।
जैसा मुझे प्रतीत हो रहा है कि हैंडपंप में हुए घोटाले में अधिकारी ठेकेदार आदि लोग लिप्त थे और उन्होंने मेरे भाई को भी दबाव डालकर फंसा लिया था इसी कारण मेरा भाई प्रताड़ना को न लिख सका |इस प्रकरण का खुलासा करने में उल्लेखित लेबर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी जिनकी फोन रिकॉर्डिंग सूनी जाने का उल्लेख किया गया है |मनोज शर्मा ने सरकार से मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों को दण्डित किया जाने की मांग की है और कहा है कि पुलिस के अलावा भी अन्य जाँच एजेंसियों से प्रकरण की सूक्ष्म जांच करवाई जाये ताकि दोषियों को सजा मिल सके और सरकारी काम में किये गए भ्रष्टाचार का खुलासा हो सके |
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