बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कल आएगा CBI कोर्ट का फैसला, केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी किए अलर्ट
सीबीआई की विशेष अदालत बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बहुप्रतिक्षित फैसला बुधवार को सुनायेगी। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को विशेष सुरक्षा इंतजाम करने के आदेश दिए। केंद्र सरकार ने फैसलों के बाद संवेदनशील और अति संवेदनशील जिलों में किसी भी तरह के सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए राज्यों को सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित 32 आरोपित हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि फैसले का कानून और व्यवस्था की स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि दोनों पक्षों के अराजक तत्व फैसले को सांप्रदायिक रूप दे सकते हैं। केंद्र की ओर से जारी अलर्ट में कहा गया है कि, कई मुस्लिम संगठन जो राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश थे। वे उम्मीद कर रहे हैं कि विध्वंस मामले में अभियुक्तों को दोषी ठहराए जाने से उन्हें न्याय मिल सकता है। अगर उनकी उम्मीद के मुताबिक फैसला नहीं आता है तो वे विरोध का सहारा ले सकते हैं।
अलर्ट मे कहा गया है कि कुछ कट्टरपंथी समूह देश में एंटी-सीएए / एनआरसी / एनपीआर आंदोलन को पुनर्जीवित करने के अवसर की तलाश में हैं। वहीं हिंदू संगठनों को उम्मीद है कि विध्वंस मामले में आरोपी बरी हो जाएंगे। केंद्र ने कहा कि सांप्रदायिक मामले के कारण कुछ राज्यों में स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है। राज्य सरकारों को संवेदनशील जिलों में सुरक्षा कड़ी करने और सोशल मीडिया में भड़काउ सामग्री पर कड़ी नजर रखने की सलाह दी गई है।
अयोध्या में बाबरी विध्वंस के करीब 28 साल पुराने मामले में सीबीआई की विशेष अदालत बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनायेगी। वर्ष 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी ऋतंबरा,विनय कटियार,राम विलास वेंदाती के अलावा श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास समेत सभी 32 आरोपियों के बयान 31 अगस्त तक दर्ज किये जा चुके हैं। उमा भारती और कल्याण सिंह कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर दो अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं।