बीट गार्ड शेखर रात्रे के मामले को लेकर प्रदेश सतनामी समाज ने प्रधान वन संरक्षक के नाम वनमंडलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.. सम्बंधित अधिकारियों पर कार्यवाही व उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर उसमे समाज के सदस्य को शामिल करने की मांग
रायगढ़ – इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे वन विभाग के एक मुलाजिम अपने वरिष्ठ अधिकारी को अवैध रूप से बांस की कटाई करने पर खूब खरी खोटी सुना रहा है यहां तक कि उस अधिकारी को कानून की जानकारी तक देते हुए वीडियो में दिखाई दे रहा हैं। उस बात चीत के वीडियो को किसी ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था जो अब लगाकर वायरल हो रहा है ।
घटना कोरबा जिले के बांकी मोंगरा ब्लॉक के वन परिक्षेत्र का है जहाँ वीडियो में दिख रहे मुलाजिम का नाम शेखर रात्रे है जो कि वही के वन विभाग में बीट गार्ड के पद पर पदस्थ है। जिसे कुछ दिनों पहले विभागीय कार्य से बाहर भेज दिया गया था वापस आने पर उसे जानकारी मिली की उक्त वन परिक्षेत्र में अवैध रूप से बांस की कटाई हुई है जिसके लिए उन्होंने अपने संबंधित अधिकारी रेंजर मृत्युंजय शर्मा, डिप्टी रेंजर अजय तिर्की एवं वन रक्षक राम कुमार यादव से अवैध रूप से हुए कटाई के आदेश की कॉपी मांगी जिस पर उच्च अधिकारियों ने अपने पद का धौंस दिखाते हुए बीट गार्ड शेखर रात्रे को धमकाया । जिससे कर्तव्यनिष्ठ शेखर रात्रे ने उक्त कटाई को अवैध व असंवैधानिक बताते हुए सभी पर विधिसम्मत कानूनी कार्यवाही कर दी।
पर शेखर रात्रे ने कभी यह नही सोंचा होगा कि उनकी इस ईमानदारी की कीमत भी उन्हें चुकानी पड़ जाएगी
उनके द्वारा किये गए कार्यवाही पर उच्च अधिकारियों को क्लीन चिट मिल गई और अब असंवैधानिक कार्य मे लिप्त उनके अधिकारियों द्वारा शेखर रात्रे पर दबाव बनाया जा रहा है जिसको लेकर सतनामी समाज में आक्रोश देखी जा रही है । इसी विषय को लेकर आज सतनामी समाज अधिकारी कर्मचारी संगठन द्वारा प्रदेश महासचिव गुरुनाथ जांगड़े के नेतृत्व में प्रधान वन संरक्षक के नाम जिला वन मंडलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया है जिसमे प्रदेशसतनामी समाज ने मांग की है कि अवैध कटाई में लिप्त आरोपियों पर कानूनी कार्यवाही की जाए साथ ही उच्च जांच कमेटी में समाज के व्यक्ति को शामिल किया जाए और यदि भविष्य में बीट गार्ड शेखर रात्रे पर कोई विपत्ति आयी तो प्रशासन पूरे प्रदेश सतनामी समाज की आक्रोश को झेलने के लिए तैयार रहें।
वनमंडलाधिकारी कटघोरा ही अपने बीटगार्ड शेखर रात्रे को ट्री गार्ड लेने मरवाही भेजा और उसके बाद बीटगार्ड की अनुपस्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए उसके क्षेत्र में बांस कटाई कराया गया। समूचा प्रकरण बांस ट्री गार्ड घोटाला से जुड़ा है। वर्षा ऋतु में बांस तो क्या वनों की कटाई चटाई का कोई प्रावधान नहीं है वन मंडल अधिकारी कटघोरा को विभागीय उच्चाधिकारियों का समर्थन प्राप्त है इस मामले में लीपापोती करने के लिए बीट गार्ड और रेंजर के बीच का विवाद बता रहे हैं लेकिन यह मामला ट्री गार्ड खरीदी घोटाला से जुड़ा हुआ है यह बहुत बड़ा घोटाला है ट्री गार्ड को जब स्व सहायता समूह से ₹450 की दर से खरीदा जाना है तो वन मंडल अधिकारी कटघोरा ने ट्री गार्ड बनाने के लिए बसों की कटाई आखिर क्यों कराई यह इस प्रकरण में बहुत बड़ा सवालिया निशान है शेखर रात्रे ने विभागीय आदेश ही तो मांगा था जो कि एक बीट गार्ड का पद का दायित्व है शेखर रात्रे ने अपने दायित्व का निर्वहन किया अपने बीट क्षेत्र में जब वह आकर देखा तो रेंजर डिप्टी रेंजर तथा अन्य क्षेत्र के बीट गार्ड द्वारा बसों की कटाई कराई जा रही थी यह तो मरवाही ट्री गार्ड लेने गया हुआ था लेकिन वापस आने के बाद मीडिया के माध्यम से सूचना पाकर घटनास्थल मौका स्थल पर पहुंचा तो अपने अधिकारियों को देखकर हैरान रह गया और बांस कटाई के बारे में जानना चाहा लेकिन रेंजर साहब ने कुछ भी जानकारी देने से मना कर दिया तथा कोई भी कागजात नहीं बताया लेकिन मामले को दबाने के लिए बीट गार्ड के चरित्र पर लांछन लगाया जा रहा है चाहे कोई भी बीट गार्ड रहे उसके क्षेत्र में अवैध कटाई होगी तो वह कागजात अवश्य मांगेगा रेंजर को किसी बीट परिसर में पेड़ पौधे काटने का अधिकार किसने दिया