नई दिल्ली – बीजेपी नेता और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को विपक्षी दल कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की बिक्री से प्राप्त राजस्व का उपयोग गरीबों के कल्याणा के लिए चलाई जा रही केंद्रीय योजनाओं में कर रही है न कि किसी ‘‘दामाद या राजीव गांधी फाउंडेशन’’ के लिए. प्रधान ने कांग्रेस पर यह तंज इसलिए कसा क्योंकि सोमवार को कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया और पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद पिछले तीन महीनों में मोदी सरकार ने 22 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाईं.
‘राजनीति करने के बजाए सच्चाई पता करतीं सोनिया’
सोनिया गांधी ने इसे अन्यायपूर्ण करार दिया और सरकार से कीमतें वापस लेने की मांग की. कांग्रेस नेतृत्व पर पलटवार करते हुए प्रधान ने एक बयान में कहा कि ऐसा लगता है सोनिया गांधी यह भूल गई हैं कि पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड की सरकारों ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला है.
इन राज्यों में या तो कांग्रेस की या फिर उनके गठबंधन के सहयोगियों की सरकारें हैं. प्रधान ने कहा कि बेहतर होता कि कांग्रेस अध्यक्ष इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाए इन राज्यों से वस्तुस्थिति का पता लगा लेती. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य की सरकारें कोविड-19 की चुनौती से निपटने के लिए पैसा खर्च कर रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोल-डीजल से प्राप्त राजस्व को स्वास्थ्य, रोजगार निर्माण और लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने में लगाया जा रहा है. भाजपा की सरकार जनता के पैसे का उपयोग प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए गरीबों के कल्याण में करती हैं. यह कांग्रेस की तरह नहीं है जो राजस्व का इस्तेमाल एक दामाद और राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए करती है.’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सोनिया गांधी ऐसा इसलिए कह रही हैं क्योंकि कांग्रेस ने पीढ़ियों से सत्ता का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों के पैसों को दामाद और राजीव गांधी फाउंडेशन के खातों में हस्तांतरित करने में किया है.’’
पेट्रोलियम की मांग और आपूर्ति में हो रही बाधा
प्रधान ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है. इसकी वजह से पेट्रोलियम उत्पादों की मांग और आपूर्ति की परेशानी आई है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में हुई हालिया बढ़ोतरी से आम आदमी को कोई खास प्रभावित नहीं किया है.
इससे पहले, सोनिया गांधी ने कांग्रेस के ‘स्पीक अप अगेंस्ट फ्यूल हाइक’ अभियान में शामिल होते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की गई वृद्धि न केवल अन्यायपूर्ण, बल्कि संवेदनहीन भी है. इसकी सीधी चोट किसान, गरीबों, मध्यम वर्ग और छोटे उद्योगों पर पड़ रही है।