खलिहान में आग से 7 ट्रैक्टर धान जलकर राख अज्ञात कारणों से लगी आग, असामाजिक तत्वों की साजिश की आशंका
ग्राम बिनिया में सोमवार देर रात एक हृदयविदारक घटना हुई, जब किसान शिव प्रसाद यादव के खलिहान में रखे धान में आग लगने से 7 ट्रैक्टर धान जलकर राख हो गया। आग का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन किसान ने असामाजिक तत्वों की साजिश की आशंका जताई है।
आग लगने का समय: रात करीब 1:30 बजे।
जानकारी मिलने का समय: रात 2 बजे। बोलेरो से पटकुरा गांव की ओर जा रहे विनय, राजू और उमेश ने खलिहान से उठती आग देखकर तुरंत किसान शिव प्रसाद को जगाया और इसकी जानकारी दी।
फायर ब्रिगेड की देरी: सूचना देने के बाद फायर ब्रिगेड सुबह 4 बजे मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक खलिहान और उसमें रखा पूरा धान जलकर स्वाहा हो चुका था।
खलिहान का नुकसान
खेत से काटकर मिसाई के लिए तैयार किए गए धान को खलिहान में रखा गया था। किसान और उनके बेटे के अनुसार, इस फसल से लगभग 70-80 क्विंटल धान की उपज की उम्मीद थी। आग में यह पूरी तरह नष्ट हो गया।
किसान पर असर
पीड़ित किसान शिव प्रसाद यादव, जो पिछले ढाई साल से अपने बेटे की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, ने बताया कि वह 7 लाख रुपये के कर्ज में डूबे हैं। इस बार फसल से उन्हें कर्ज चुकाने की उम्मीद थी, लेकिन आग ने उनकी सारी उम्मीदें खत्म कर दीं।
उनके बेटे बालेश्वर यादव ने कहा, “हमारे पास अब कोई रास्ता नहीं बचा। खलिहान में रखी पूरी फसल जल गई।”
घटना की जानकारी मिलने पर कुन्नी चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और घटना के पीछे असामाजिक तत्वों की साजिश की संभावना को ध्यान में रखते हुए जांच शुरू कर दी है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
घटना से गांव में डर और गुस्से का माहौल है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल जांच और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।
साथ ही, पीड़ित किसान को मुआवजा देने की भी अपील की गई है।
किसान की हानि: लगभग 70-80 क्विंटल धान का नुकसान, जो उनके कर्ज चुकाने का मुख्य साधन था।
ग्रामीणों में असुरक्षा: असामाजिक तत्वों की गतिविधियों से ग्रामीणों में भय बढ़ गया है।
मुआवजे की मांग: किसानों और ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल आर्थिक सहायता देने की अपील की है।
इस घटना ने शिव प्रसाद यादव और उनके परिवार को गहरे आर्थिक संकट में डाल दिया है। घटना में विनय, राजू और उमेश की सतर्कता ने स्थिति को समय पर उजागर किया, लेकिन नुकसान को रोकना संभव नहीं हो सका।
प्रशासन और पुलिस से उम्मीद है कि दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा और पीड़ित किसान को मुआवजा मिलेगा।