सभी रीपा में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के सहयोग से स्थापित होंगे ग्रामीण तकनीकी केन्द्र, नवीन उद्यम तकनीक से लैस होंगे रीपा केन्द्रों में काम करने वाले ग्रामीण उद्यमी’
अम्बिकापुर राज्य के गौठानों में स्थापित ग्रामीण औद्योगिक केन्द्रों में काम करने वाले ग्रामीण युवा उद्यमियों के सपनों को एक नया आयाम मिलने वाला है। ग्रामीण औद्योगिक केन्द्रों यानि रीपा में अब भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) मुम्बई के सहयोग से छत्तीसगढ़ के सभी रीपा सेंटरों में ग्रामीण तकनीक का प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण देने के लिए ग्रामीण तकनीकी केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इन केन्द्रों में 72 से ज्यादा ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित उद्यम तकनीक का प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाएगा। बार्क द्वारा यहां मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए जाएंगे। बार्क के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और रीपा में ग्रामीण तकनीकी केन्द्रों की स्थापना में सहयोग दिए जाने की सहमति दी।
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह की अध्यक्षता में हुई योजना आयोग की बैठक में रीपा में ग्रामीण तकनीकी केन्द्रों की स्थापना तथा गोबर से विद्युत उत्पादन की आधुनिकतम तकनीक व इकाईयों के विस्तार को लेकर चर्चा हुई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मुख्य ग्रामीण तकनीकी केन्द्र स्थापित किया जाएगा। बैठक में बार्क के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण तकनीकी केंद्र में युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जुड़ने का प्रोत्साहन दिया जाएगा। इन केन्द्रों में फल-सब्जी और वनोपजों से विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री बनाने की विधि एवं अन्य विधाओं के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार की संयुक्त सचिव सुषमा ताईषेते ने राज्य में गोबर से विद्युत उत्पादन और खाद्य विकिरण तकनीक के संबंध में राज्य की दूरदृष्टि और राज्य की पहल की सराहना की। उन्होंने राज्य में स्थापित सभी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में ग्रामीण तकनीकी केन्द्र स्थापना में सहयोग का आश्वासन दिया। बार्क के वैज्ञानिकों डॉ. एस.गौतम, डॉ. एस.टी. मेहेत्रे ने खाद्य पदार्थो के लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के संबंध में आधुनिक विकरण तकनीक की जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने राज्य में गोबर से बिजली उत्पादन के विषय में बताया कि छत्तीसगढ, देश में सबसे बड़ा वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक राज्य है। उन्होंने राज्य में खाद्य विकिरण तकनीक की संभावनाओं और इससे आजीविका सृजन के बारे में जानकारी दी। श्री शर्मा ने राज्य में महुआ, इमली, टमाटर आदि व लघु वनोपजों तथा अन्य उत्पादों को सुरक्षित रखने एवं उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी देते हुए बार्क से तकनीक सहयोग की अपेक्षा की।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश चंदेल, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल डेवलपमेंट आथोरिटी के सीईओ सुमित सरकार ने अपने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में जैवऊर्जा उत्पादन व खाद्य विकिरण के संबंध में किए जा रहे कार्यों के विषय में अवगत कराया। ऊर्जा विभाग के सचिव अंकित आनंद ने इस संबंध में स्वच्छ भारत मिशन की गोवर्धन योजना के लाभ लेने की जरुरत बताई।
बैठक में परमाणु ऊर्जा विभाग भारत सरकार की संयुक्त सचिव श्रीमती सुशमा ताईषेते, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक डॉ. एस. गौतम, डॉ. एस.टी. मेहेत्रे. राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव अनूप कुमार श्रीवास्तव, ऊर्जा विभाग के सचिव अंकित आनंद, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश चंदेल, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल डेवलपमेंट आथोरिटी के सीईओ सुमित सरकार सहित ग्रामीण औद्योगिक पार्क के नोडल गौरव सिंह, वन विभाग के सचिव प्रेम कुमार, लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक आनंद बाबू एवं अन्य विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे ।