45+ वालों को वैक्सीनेट करना केंद्र की प्राथमिकता है , 18+ की जिम्मेदारी राज्यों पर : नीति आयोग
कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही है मुफ्त में वैक्सीन की प्रथामिकता फिलहाल 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए है। वहीं 18 साल से 44 साल के उम्र के लोगों को फिलहाल वैक्सीनेट करने का जिम्मा राज्य सरकारों का है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने शनिवार (22 मई) को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ये बातें कही हैं।
दिल्ली सहित कई राज्यों ने 18 से 44 साल के लोगों को वैक्सीनेट नहीं कर पाने की वजह वैक्सीन की कमी बताई है। कई सेंटर फिलहाल बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में वी के पॉल ने कहा है कि भारत सरकार जो वैक्सीन राज्यों को मुफ्त में देती है, वह राज्य प्रायॉरिटी ग्रुप, जिसमें 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग, हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स शामिल हैं, उनको ही दे सकते हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा है कि राज्य सरकार सीधे वैक्सीन निर्माता कंपनियों से जो वैक्सीन खरीद रही है, वह उनका इस्तेमाल किस वर्गों के लिए करती है, ये उनका फैसला है। इसलिए फिलहाल 18 से 44 साल के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर है। वीके पॉल ने कहा कि भारत में कुल वैक्सीन प्रॉडक्शन का 50 प्रतिशत भारत की केंद्र सरकार लेती है, जिसे वह राज्यों को मुफ्त में देती है। उन्होंने कहा है कि हम इसको लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता पहले कमजोर 45 से अधिक श्रेणी वालो को कवर करना है।
भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के तहत 1 मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीनेट किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकारों को सीधे वैक्सीन निर्मात कंपनियों से वैक्सीन खरीदनी होगी। वहीं 45 से अधिक उम्र के लोगों के लिए मुफ्त में वैक्सीन केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को मुहैया कराई जा रही है। भारत में 16 जनवरी 2021 से वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ है। देश में अब तक 18 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है।