कोरोना काल में चुपचाप हो रही थी नाबालिक की शादी, जिला प्रशासन की टीम के पहुंचने पर मची अफरा-तफरी,परिजनों ने आनन-फानन में मण्डप उखाड़ा , लड़की और मेहमानों को भी छुपाया ..बाल संरक्षण इकाई को मिली विवाह रोकने में सफलता
सूरजपुर । जिला कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में जिला स्तरीय टीम जिला बाल संरक्षण के अधिकारी मनोज जायसवाल ने नेतृत्व में बाल विवाह एवं बाल श्रम पर रोक लगाने हेतु सक्रिय है।
जिले में वर्तमान समय में लाॅकडाउन लगा हुआ है, प्रशासन की अनुमति से विवाह होना है। इसका फायदा उठा कर ग्रामीण अनुचित लाभ उठा कर नाबालिकों का विवाह भी कर रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी को सूचना प्राप्त हुई कि दो नाबालिकों की शादी कम उम्र में कराई जा रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चन्द्रवेश सिसोदिया के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने जब गांव के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उम्र सत्यापन के लिए भेजा तो बताया गया की दुल्हन नहीं है और उसका शैक्षणिक दस्तावेज भी नहीं है। तभी जिला बाल संरक्षण ईकाई, पुलिस बसदई एवं चाईल्ड लाईन, ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गये तो पता चला मण्डप उखाड़ दिया गया है और लड़की को छुपा दिया गया है। मेहमानों को भी अलग कमरे में छुपा दिया गया। टीम के जाने के बाद सरपंच के कहने पर बालिका को टीम के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां विवाह की अनुमति भी नहीं लिया गया है। शैक्षणिक दस्तावेज में बालिका का उम्र 16 वर्ष 06 माह हुआ है। परिजनों को समझाईश देकर विवाह रोक दिया गया।
दूसरे प्रकरण में महगंवा में बालिका का विवाह 16 मई की होना तय हुआ था। बालिका 17 वर्ष 08 माह की थी, जिसे बताया गया कि 18 वर्ष पूर्ण करने के बाद ही बालिका विवाह करें। मौके पर इस आशय का पंचनामा कर लिया गया।
बाल विवाह रोकने में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, चैकी प्रभारी बसदई सुनीता भारद्वाज, ग्राम पंचायत बसदई के सरपंच कविलासो, सचिव शिवनारायण यादव, जिला बाल संरक्षण ईकाई से अनिता पैकरा चाईल्ड लाईन से गीता गिरी आँगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिता सिंह, रेशमा मंसूर, आरक्षक रामाधीन श्यामले, सहायक आरक्षक इन्द्रमणी उपस्थित थे।