900 से 1400 रुपये दो, कोरोना की मनचाही रिपोर्ट लो ! कोरोना जांच रिपोर्ट के फर्जीवाड़े का खुलासा
हिंद शिखर न्यूज । कोरोना का वायरस महामारी बनकर पूरे देश में कहर ढा रहा है लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि इस आपातकाल को भी कुछ लोगों ने धंधा बना लिया है हम बात कर रहे हैं उन टेस्टिंग लैब्स की जिन पर कोरोना जांच का दारोमदार है यहां कोरोना जांच रिपोर्ट- दफ्तर से छुट्टी लेनी हो, विदेश जाना हो या फिर हवाई सफर करना हो जैसी चाहो वैसी रिपोर्ट तैयार हो जाएगी. शहर-शहर संक्रमण के ग्रहण के बीच यकीन करना मुश्किल ही सही लेकिन सच यही है. कहने को तो ये कोरोना वायरस लैब टेस्ट की दूसरी लैब की तरह ही है लेकिन यहां जो हो रहा था वो पूरे देश के साथ सबसे बड़ा धोखा था. ऐसा ही कोरोना संक्रमण की फर्जी जांच रिपोर्ट बनाने का खेल कर रहे दो जालसाजों को उत्तर प्रदेश के लखनऊ अंतर्गत विभूतिखंड पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों एक डाग्नोस्टिक सेंटर के कर्मचारी हैं। इनके पास से एक लैपटॉप व दो मोबाइल बरामद हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शांभवी डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिक डॉ. शिवेंद्र विक्रम सिंह व ज्योति विक्रम सिंह ने थाना में तहरीर देकर बताया कि उनके डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम पर कोरोना संक्रमण व रक्त की अन्य जांचों की फर्जी रिपोट तैयार की जा रही है। उन्होंने सेंटर के कर्मचारियों शिवम कुशवाहा और शुभम गौतम पर जांच रिपोर्ट में हेरफेर करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों के माध्यम से उन्हें इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली है। इसके बाद जांच की तो पता चला कि शिवम कुशवाहा और शुभम गौतम ने कई लोगों के फर्जी नमूने लेकर रिपोर्ट बनाकर दी जिसके लिए वे 900 से 12 सो रुपए लेते थे। उनके कंप्यूटर और मोबाइल कई फर्जी रिपोर्ट भी पाई गई।
ऐसा ही एक मामला कुछ महीने पहले भी आया था जब हरियाणा के गुरुग्राम (Gurugram) में सीएम फ्लाइंग स्क्वाड और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर एक ऐसी फर्जी लैब का भंडाफोड़ किया, जहां कोरोना की रिपोर्ट को निगेटिव से पॉजिटिव और पॉजिटिव से निगेटिव बनाने का खेल चल रहा था. इसके लिए महज 1400 रुपये वसूले जा रहे थे.
सवाल उठना लाजमी है कि देश में ऐसे कितने लैब या टेक्नीशियन है जो चंद रुपयों के लालच में कोरोना जांच रिपोर्ट को पॉजिटिव से नेगेटिव और नेगेटिव से पॉजिटिव कर रहे हैं ?