छत्तीसगढ़

जगदलपुर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह और CM बघेल, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुंचे और उन्होंने नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. गृहमंत्री शाह हमले में शहीद हुए जवानों से मुलाक़ात भी करेंगे. इस दौरान शाह के साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी मौजूद रहे. बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में सुरक्षा बल के 22 जवान शहीद हो गए और 31 अन्य जवान घायल हुए हैं.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा.

नक्सली हमले में 22 जवानों के शहीद होने की घटना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जवानों का मनोबल ऊंचा है और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.

बघेल ने रविवार को असम से रायपुर लौटने के बाद स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि माओवादी अपनी आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं जल्द ही उन्हें खत्म कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछले कुछ दिनों से असम के दौरे पर थे, वह विधानसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में प्रचार कर रहे थे.

नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई रहेगी जारी भूपेश बघेल

बघेल ने कहा कि हमारे सुरक्षाबल बुलंद हौसलों के साथ नक्सलियों से उनकी मांद में घुसकर लड़ाई लड़ रहे हैं. बीजापुर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई इस लड़ाई में नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है.
बघेल ने कहा, “जिस जगह मुठभेड़ हुई है उसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. हमने वहां सुरक्षाबलों के लिए कैंप लगाने की योजना बनाई थी जिससे माओवादी बौखलाए हुए हैं.” उन्होंने कहा, “यह केवल मुठभेड़ नहीं थी. बल्कि इसे युद्ध कहा जा सकता है जो लगभग चार घंटे तक चला.”
बघेल ने कहा, “दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई. हथगोला और रॉकेट लांचर का भी उपयोग किया गया. हमारे जवान शहीद हुए लेकिन उन्होंने बहादुरी के साथ लड़ाई की. साथ ही उन्होंने घायल और शहीद जवान के शवों को वहां से निकालने का भी काम किया.”

‘सूचना तंत्र असफल नहीं हुआ है’

मुख्यमंत्री ने इस घटना में सूचना तंत्र के असफल होने से इनकार किया और कहा, “यह पुलिस शिविर पर हमला नहीं है. हम उस क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान में थे. हम सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा की तरफ से बढ़ते जा रहे हैं तथा शिविर की स्थापना कर रहे हैं. नक्सली अब 40 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में सिमट कर रह गए हैं. यह उनकी बौखलाहट है. हम उस क्षेत्र में शिविर स्थापित करने वाले थे उसे स्थापित करेंगे. यह वह क्षेत्र है जहां शिविर खुलने के बाद नक्सली गतिविधि में विराम लगेगा. यही कारण है कि वह बौखला गए हैं। हमारा अभियान नहीं रुकेगा। शिविर और सड़कों का निर्माण होता रहेगा. वहां के लोगों को संसाधन मुहैया कराएंगे। जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.”

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