जशपुर

धान खरीदी में व्याप्त गंभीर अव्यवस्था और कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ आज महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर भाजपा ने एक दिवसीय धरना दिया प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय खुली जीप में सवार होकर लोगों का अभिवादन करते हुए धरना स्थल पर पहुंचे

मुकेश अग्रवाल, हिंद शिखर न्यूज़ पत्थलगांव।
आज पत्थलगांव में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की किसानों के साथ वादाखिलाफी को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार को गूंगी, बहरी ,लंगडी बताते हुए धरना प्रदर्शन स्थल से जोरदार दहाड़ लगाई और उन्होंने कहा कि, वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव जन घोषणा जारी करते समय कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने पवित्र गंगाजल की कसम खाकर प्रदेश के अन्नदाताओं से उनका दाना – दाना धान खरीदने समेत अनेक वादे किये थे । परंतु सत्ता में आने के बाद कांग्रेस लगभग सभी वादों से मुकर गयी है । आज किसान स्वयं को ठगा हुआ और असहाय महसूस कर रहे हैं । वे धान खरीदी के नाम पर प्रताड़ित हो रहे हैं । हालात यह हैं कि चरम निराशा में अन्नदाता आत्महत्या तक कर रहे हैं । इन विसंगतियों पर भाजपा लगातार शासन का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश करतो रही है । प्रदेश में लगातार आंदोलनों और प्रदर्शनों का क्रम भी जारी है । बावजूद इसके शासन इन अत्यावश्यक मुद्दों से मुह मोड़े खड़ी है । किसानों के धान का रकबा गिरदावरी के नाम पर काटा गया । करीब दो लाख एकड़ जमीन इस बहाने कम कर दिए गए हैं । तहसील कार्यालय में आवेदन तथा टोल फ्री नम्बर पर किये गये आवेदनों पर भी कोई कारवाई नहीं की गई है । किसान भटक रहे हैं । रकबा कम होने से निराश हो कर भी किसान आत्महत्या कर रहे हैं । किसानों के वास्तविक रकये के आधार पर ही धान खरीदी हो ।. छत्तीसगढ़ सरकार ने बारदाना खरीदी हेतु अनुमानित संख्या 4.45 लाख गठान ( 500 वारदाना प्रति गठान ) खरीदने हेतु समय रहते कदम नहीं उठाया जिसके कारण किसान परेशान हैं । कांग्रेस सरकार ने सदन में स्वीकार किया किया था कि उसके पास 1 लाख 15 हजार गठान बारदाने की कमी है । अब उसी कमी को बहाना बना कर सरकार धान नहीं खरीद रही है , साथ ही केंद्र सरकार के नाम से किसानों को गुमराह कर रही है । वह बहानेबाजी बंद करे और बारदाने की आपूर्ति सुनिश्चित करे । बारदाने की कमी के कारण बड़ी संख्या में किसान अपना धान नहीं बेच पाए हैं , अतः धान खरीदी का समय एक माह बढ़ाया जाय । विगत वर्ष किसानों से बारदाना लिया गया ( वापसी क शर्तों के साथ ) जिसे न तो अब तक वापस किया गया है और न ही उसका कोई भुगतान किया गया , अतः उसका भुगतान भी शीघ्र किये जायें ।.

कांग्रेस ने किसानों से न्यूनतम 2500 / – प्रति की कीमत पर धान खरीदने का वादा किया था । परंतु पिछले वर्ष जिन किसानों ने धान बचा था , उन्हें वर्ष भर से अधिक बीत जाने के बाद भी पूरी राशि नहीं मिली है । छोटे – छोटे किश्तों में प्राप्त राशि किसान के किसी काम का नहीं होता है । अत : किसानों को धान की पूरी कीमत 2500 / – प्रति क्विंटल एक साथ देना सुनिश्चित किया जाय । पिछला बकाया भी शीघ्र भुगतान किये जायें । . 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसानों से यह वादा भी किया था कि उन्हें 300 / प्रति क्विंटल की दर से दो वर्षों के बोनस की राशि दिया जायेगा । आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बने 2 वर्ष से अधिक होने के बाद भी बोनस की राशि किसानों को नहीं मिला है । अतः शीघ्र इस राशि का भुगतान भी किया जाय । . काग्रेस सरकार आदिवासी क्षेत्र के बनाधिकार पट्टा प्राप्त किसानों से वादे के अनुसार धान खरीदी नहीं कर रही है । यह खरीदी भी प्रारंभ किये जायें । प्रदेश के किसानों द्वारा आत्महत्या करने का दुखद कम आज तक जारी है । आत्महत्या करने वाले ऐसे सभी दिवंगतों के परिवार को 25-25 लाख रूपये की अनुग्रह राशि प्रदान किये जायें ।दो साल में विफलता के सारे कीर्तिमान हासिल कर चुकी छत्तीसगढ़ में बैठी कांग्रेस की सरकार किसान विरोधी हैं और प्रदेश के किसानों के साथ लगातार अन्याय कर रही हैं । हालात इतने खराब हैं कि मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के क्षेत्र में भी किसान आत्महत्या कर रहे हैं । कांग्रेस ने वादाखिलाफी और विश्वासघात का रोज नया रिकॉर्ड बना आ रहे है । कांग्रेस को यह ध्यान रखना होगा कि जो किसान बोना जानता है वह काटना भी जानता है । आज पिछले वर्ष के धान की कीमत का पूरा भुगतान अभी तक नहीं किया गया है । वर्तमान में भी 20-20 दिन बीत जाने पर भी किसानों के खातों में एक पैसा नहीं पहुंचा । रमन सिंह सरकार में 3 से 4 दिन में और कभी तो 24 घण्टे के अंदर किसान के घर पहुंचने से पहले किसान के खाते में राशि पहुंच जाती थी । दो वर्ष के बोनस आदि की तो अब ये बात भी करना नहीं चाहते हैं । मंडी टैक्स खत्म करने का वादा किया था , अब उलटे वह टैक्स भी बढ़ा दिया । सबसे बड़ा घोटाला यह सरकार बारदाना के नाम पर कर रही है । उसके बहाना धान खरीदी बचना चाहती है । विधानसभा में जवाब देते हुए सरकार ने कहा था कि प्रदेश में इस सीजन में कुल 4 लाख 45 हजार गठान ( प्रति गठान 500 बारदाना ) की जरुरत होती है जिसमें 3 लाख 30 हजार बारदाना उपलब्ध है और 1 लाख 15 हजार बारदाने गठान की जरूरत होगी । समय रहते उससे संबंधित कुछ भी नहीं किया सरकार ने । आज हालात यह है कि किसान खुद 30 से 40 रूपये में बारदाना खरीदने को मजबूर हैं । किसानों का धान खरीदने से बचने के लिए तरह – तरह के हठकंडे अपना रही है । खुद प्लास्टिक का बोरा इस्तेमाल करती है और किसानों से जूट का बोरा लाने को कह रही है एवं किसानों को 30 रूपये में जूट बोरा खरीदना पड़ रहा है । सरकार द्वारा 15 रूपये भुगतान किया जा रहा है । भाजपा मंडल अध्यक्ष अनिल मित्तल ने कहा कि कांग्रेस ने जब अपने चुनावी घोषणा पत्र में लोकलुभावन वादे किए थे तब छत्तीसगढ़ प्रदेश की जिम्मेदार मीडिया ने उनसे सवाल किया था कि कैसे करेंगे यादे पूरे तब कांग्रेस का जवाब था हम नए संसाधन और अवसर लाएगे उससे व्यवस्था कर दादे पूरे करेंगे । आज मानो प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के ही भरोसे अपने लोकलुभावन वादे पूरे करना चाहती हैं । छत्तीसगढ़ के किसानों का गिरदावरी रिपोर्ट के माध्यम से रकबा कम करने का षड्यंत्र किया जा रहा हैं , जिसके पीछे धान खरीदी से बचना और कम धान खरीदी की मंशा है । इसका सबसे बड़ा उदहारण है कि रकबा कम होने के कारण खुद कांग्रेस अध्यक्ष के क्षेत्र में किसान धनीराम ने आत्महत्या की किसान आत्म हत्या करने मजबूर हो रहे हैं और प्रदेश की संवेदनहीन सरकार आत्महत्या करने वाले किसानों को मानसिक रोगी बताती हैं ।एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 233 कृषक और खेतिहरों ने 2019 में आत्महत्या की हैं । बीते दिनों भी लगातार प्रदेश के किसानों ने आत्महत्या कर ली और रकबा कम करने वाली असंवेदनशील किसान विरोधी सरकार राजनीति में व्यस्त है । किसानों को 25 लाख रुपया प्रति किसान मुआवजा दे सरकार । साथ ही रकबे कम करने से हुए नुकसान की भरपाई करे ।. छत्तीसगढ़ की जनता को ऋण ले कर कर्जदार बनाने वाली सरकार आज अपने वादों से और धान खरीदी से भागना चाहती हैं और इसी लिए कभी केंद्र सरकार पर तो कभी भाजपा पर बेबुनियाद आरोप लगा कर बचना चाहती हैं । देर से धान खरीदी कर इसने कम धान खरीदने की साजिश रची । इसी का परिणाम है कि धान के कटोरे का किसान अभी भी दर – दर भटक रहा है जबकि कांग्रेस शासित पंजाब में ही कुल खरीदी का 54 प्रतिशत धान खरीदा गया है ।एक महीना विलब से धान खरीदी करना छत्तीसगढ़ के भोले भाले किसानों के खिलाफ कांग्रेस द्वारा अपने व्यापारी , बिचौलिए दलाल मित्रों को लाभ पहुंचाने का षड्यंत्र है । छत्तीसगढ़ सरकार बारदाने का बहाना बना केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह हैं कि बारदाना के व्यवस्था की सम्पूर्ण जवाबदारी राज्य सरकार की है । पूर्व विधायक शिवशंकर साय ने कहा कि राजीव गांधी न्याय योजना के नाम पर छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ किस्तों में भुगतान का अन्याय करने वाली काग्रेस किस मुह से केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है । केंद्र की नरेंद्र मोदी जी की सरकार छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसानों के हित में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक चावल खरीद रही हैं तो काग्रेस को क्या तकलीफ है ? छत्तीसगढ़ में बैठी कांग्रेस की सरकार किसानों का धान खरीदना ही नहीं चाहती और धान खरीदी में बहानेबाजी करने वाली सरकार के जब सारे बहाने खत्म हो गए तब केंद्र द्वारा अधिक चावल के लिए सैद्धान्तिक सहमति और 9 हजार करोड़ के भुगतान के बाद भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच लोकतांत्रिक व्यवस्था और विश्वास को झूठा साबित करने का प्रयास छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है ।लोकतांत्रिक व्यवस्था और विश्वास को झूठा साबित करने का प्रयास छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है । जिला महामंत्री सुनील गुप्ता ने कहा कि चावल जमा करने के कोटे में कटौती को लेकर मिथ्या प्रलाप कर रही हैं कांग्रेस जबकि सच तो यह है कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वीकार किया है कि पिछली सीजन का ही 2 लाख टन चावल अभी तक नहीं करा सकी है।सैद्धान्तिक सहमति के बाद केंद्र सरकार द्वारा जब 24 लाख मीट्रिक टन के एफसीआई में सहमति मिली तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी धन्यवाद ज्ञापित करते हैं वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम जी मिथ्या आरोप लगाते हैं । वर्तमान और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बीच समन्वय का आभाव हैं या श्री मरकाम जी भी ढाई साल पूर्ण होने का इंतजार कर रहे हैं । जिला पंचायत सदस्य सालिक साय ने कहा कि प्रदेश में अनेक संग्रहण केंद्रों का ताला नहीं खोला गया हैं । पिछले साल का ट्रांसपोर्टरों का भुगतान नहीं किया गया है।एफसीआई में उठाव का बहाना बनाने वाली छत्तीसगढ़ सरकार में इच्छा शक्ति का आभाव है । छत्तीसगढ़ में लगभग 22 लाख मीट्रिक टन चावल की आवश्यकता पीडीएस के लिए होती हैं और यह चावल नान के गोडाउन में रखा जाता हैं । यदि सरकार चाहे तो लगभग 30 लाख मीट्रिक टन की मिलिग कर चावल नान के गोडाउन में रख कर ओवरफ्लो का बहाना बंद करे । एफसीआई में 24 लाख मीट्रिक टन और मिलिंग में 30 लाख मीट्रिक टन कुल 54 लाख मीट्रिक टन का तत्काल समाधान किया जा सकता है । बहानेबाजी करने वाले , बार बार बयान बदलने वाले , पत्र लिख कर राजनीति करने वाले , ट्वीट – ट्वीट खेलने वाले , अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर मढ़ने का प्रयत्न करने वाले और अपने आपको किसान बताने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किसान हित में निर्णय करना चाहिए । भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ खड़ी हैं और प्रदेश सरकार की बहानेबाजी , षड्यंत्र और वादा खिलाफी को बर्दाश्त करने वाली नहीं हैं । भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ सरकार की वादा खिलाफी , धान खरीदी में अव्यवस्था , रकबा कटौती जैसे किसान विरोधी कृत्यों के खिलाफ प्रदर्शन करेगी । भारतीय जनता पार्टी 13 जनवरी को प्रदेशभर में विधानसभा स्तरीय प्रदर्शन करेगी ।इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश सरकार के खिलाफ 22 जनवरी को जिला स्तरीय प्रदर्शन करेगी।प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपेगी । किसी कीमत पर किसानों से अन्याय भाजपा सहन नहीं करेगी । भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ सरकार की वादा खिलाफी , धान खरीदी में अव्यवस्था , रकबा कटौती जैसे किसान विरोधी कृत्यों के खिलाफ प्रदर्शन करेगी । प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा कि कांग्रेस जो मदद छत्तीसगढ़ के लिये केन्द्र सरकार से लेती है , उसका गणित लगाना तो सीख ले । मैं मुख्यमत्री भूपेश बघेल से पूछना चाहता हूं कि गत वर्ष क्या केन्द्र सरकार ने FCI के माध्यम से 28.1 लाख मीट्रिक टन चावल का कोटा छत्तीसगढ़ को नहीं दिया था ? 28.10 लाख मीट्रिक टन चावल के लिये धान 42.15 लाख मीट्रिक टन नहीं होता है ? पिछले साल का MSP 1815 रुपये प्रति क्विंटल लें और 350 रुपये का ही हैंडलिंग चार्जस जोड़ें तो यह रकम 9 हजार 1 सौ पच्चीस करोड़ नहीं होती है ? छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में क्या केन्द्र ने यह काम नहीं किया है ? जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी , उस समय केंद्र सरकार FCI के माध्यम से 24 लाख मैट्रिक टन चावल लेती थी । लेकिन गत वर्ष छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में भाजपा के समय से भी ज्यादा चावल केन्द्र ने लिया है । पिछले साल की कुल धान खरीदी का आधा धान का चावल का कोटा तो केन्द्र ने ही दिया है।यह भी भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों के बीच मे बोलना चाहिये । पिछले वर्ष 28.1 लाख मैट्रिक टन चावल का कोटा छत्तीसगढ़ को केंद्र ने दिया था 30 सितंबर तक चावल जमा करना था , 3 बार में 3 महीने की समय सीमा बढ़ाई गई और अब 31 दिसंबर तक करीब तीन लाख मैट्रिक टन धान का चावल जमा नहीं किया गया है फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए FCI को मजबूर होना पड़ा है पहले पिछले साल का चावल तो जमा कराओ भूपेश बघेल जी । साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन धान आपने भ्रष्टाचार और अव्यवस्था से सड़ा दिया । इस वर्ष के लिये कल ही 24 लाख मेट्रिक टन चावल के जमा कराने के लिए FCI द्वारा आदेश भी जारी किया जा चुका है । 5 आज छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपनी सारी नाकामी को छुपाने के लिए तरह – तरह के आरोप गढ़ती रहती है । सबसे पहले भूपेश बघेल को जवाब देना चाहिए कि उनको NAN : नागरिक आपूर्ति निगम ( Civil Supplies Carporation ) में जो 22 लाख मैट्रिक टन चावल PDS के लिए चाहिए . उसके लिये DODelivery OLA काटकर धान खरीदी केंद्री ( Peadily.Procurement Centres से धान क्यों नहीं4 इस वर्ष के लिये कल ही 24 लाख मेट्रिक टन चावल के जमा कराने के लिए FCI द्वारा आदेश भी 46 जारी किया जा चुका है ।( 52 5 आज छत्तीसगढ़ की काग्रेस सरकार अपनी सारी नाकामी को छुपाने के लिए तरह – तरह के आरोप गढ़ती रहती है । सबसे पहले भूपेश बघेल को जवाब देना चाहिए कि उनको NAN : नागरिक आपूर्ति निगम ( Civil Supplies Carporation ) में जो 22 लाख मैट्रिक टन चावल PDS के लिए चाहिए , उसके लिये DO ( Delivery Order ) काटकर धान खरीदी केंद्रों ( Paddy Procurement Centres ) से धान क्यों नहीं उठवा रहे हैं ? 7. भूपेश बघेल से पूछना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी ( Paddy Procurement ) के लिए संग्रहण केन्द्रों ( Storage Centres ) में 35 लाख मीट्रिक टन के की व्यवस्था है यहां धान को ले जाने के लिए TO ( Transport Order ) क्यों नहीं काटे जा रहे हैं ? जबकि संग्रहण केंद्रों के लगभग 90 % स्थान खाली पड़े हुए हैं । 8. तीसरा सवाल भूपेश बघेल से यह भी पूछना चाहूंगा कि खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट ( Buffer Limit ) को क्यों ज्यादा रखा गया है जिसके कारण TO और DO नहीं काटा जा रहा है । भाजपा के समय की तरह कुल लक्ष्य के 10 % से ज्यादा बफर लिमिट को मत रखिये , ताकि सुचारू खरीदी चल सके । बारदानों की व्यवस्था को पूरा चौपट करके खरीदी की व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास क्या भूपेश बघेल जी की सरकार खुद नहीं कर रही है ? बारदाना किसान ला रहा है । उसको अभी आधा पैसा भी नहीं मिल रहा । धान खरीदी की तारीख 1 दिसंबर तक बढ़ाकर , जो देरी की गई है उसके लिए भी क्या केंद्र सरकार को दोष देंगे भूपेश बघेल जी ? . रकबा कटौती करके खेत के मेड़ के रकबा को काटकर भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है अब अपने नाकामीयों को छुपाने का कोना खोज रहे हैं आप । जब छत्तीसगढ़ का किसान खेत के मेड के रकबे का सिंचाई टैक्स पटाता है , और लगान भी देता है , तो खेत की मेड के रक की कटौती धान खरीदी में क्यों ? गंगाजल की कसम कांग्रेस के लोगों ने खाई । छत्तीसगढ़ की भोली – भाली जनता से ठग कर वोट लिया और अब केंद्र सरकार को हर विषय में बीच में ले आते हैं । ये सब इनकी आदत में ही है । इन सब हथकडो से आप धान खरीदने से भागना चाहते है ।
आज के एक दिवसीय धरना प्रदर्शन हजारों की संख्या में लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई एवं छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की आज के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मनीष अग्रवाल, अंकित बंसल सांसद प्रतिनिधि अनिल मित्तल मंडल भाजपा अध्यक्ष , विकास शर्मा सहित सभी कार्यकर्ता ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का जगह जगह स्वागत किया गया बाजार पारा मैं अंकित बंसल अनिल मित्तल के नेतृत्व में पारंपरिक करमा नृत्य के साथ धरना स्थल तक खुली जीप में सवार होकर प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को ले जाया गया।

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