सम्पादकीय

12 दिन में 9 रेप वाला प्रदेश .. मीडिया चुप, मोमबत्ती गैंग चुप, पुतला दहन करने वाले चुप.. बेटियों के बलात्कार पर राजनीति करने वाले गिद्ध नेता चुप

संपादकीय( अमित श्रीवास्तव) – देश में बलात्कार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं यह किसी एक राज्य का मामला नहीं है बल्कि पिछले कुछ दिनों में गौर करें तो देश के कमोबेश अधिकांश राज्यों में बलात्कार के मामले सामने आए हैं इससे भी ज्यादा चिंताजनक स्थिति यह है कि देश के जनप्रतिनिधि और मीडिया बलात्कार की घटनाओं पर निष्पक्ष रुख ना रखकर सिलेक्टिव नजरिया रखते हैं हाल में ही कुछ घटनाओं पर नजर डालें तो यह बात साबित हो जाती है कि हमारे देश के नेता और मीडिया पीड़िता और आरोपी के जाति और धर्म देखकर आवाज उठाते हैं यहां तक की अब तो राज्य देखकर भी आवाज उठाए जाने लगा है यदि किसी एक पार्टी द्वारा शासित राज्य हैं तो आवाज उठाना है और यदि अन्य पार्टी की सरकार हैं तो वहां बलात्कार जायज है उदाहरण के तौर पर हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाथरस में मासूम दलित लड़की के रेप और कुछ दिनों के बाद हुई उसकी मौत के बाद जिस तरह राजनीतिक दलों के नेता और मेंन स्ट्रीम मीडिया 24 घंटे इसी घटना को दिखाने और भुनाने में लगे हैं जबकि देश के लगभग हर हिस्से में ऐसी घटनाएं घट रही है यह सच है कि उत्तर प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं और ऐसी घटनाओं पर रोक लगनी हीं चाहिए उत्तर प्रदेश सरकार को अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए जिससे आगे ऐसी घटनाएं सामने ना आए लेकिन ऐसा नहीं ही सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही ये स्थिति है.अब बात करते हैं देश के सबसे पुरानी पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की उत्तर प्रदेश में कांग्रेस आक्रमक तेवर दिखा रही है लेकिन कभी महिलाओं के सम्मान और बलिदान के लिए पहचाने जाने वाले राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं है अपराध के ताजा आंकड़ों के अनुसार महिला अत्याचार की घटनाओं ने हर संवेदनशील व्यक्ति को अंदर तक हिलाकर रख दिया है.
अगर राजस्थान की बात करें तो पिछले 12 दिनों में महिलाओं के साथ गैंगरेप के करीब 9 मामले सामने आ चुके हैं. अब राजस्थान में पिछले 12 दिन में हुए बलात्कार की घटनाओं पर एक नजर डालते हैं

अलवर- जिले में तिजारा इलाके में एक महिला के साथ 6 युवकों ने गैंगरेप किया था और वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था.

धौलपुर- जिले में पिस्टल की नोंक पर एक बालिका के साथ गैंगरेप किया गया था. जिसने बाद में सदमे में आकर मौत को गले लगा लिया था.

सीकर- जिले में हैवानों ने घर में घुसकर गैंगरेप नाबालिग के साथ गैंगरेप किया गया. पीड़िता ने आत्महत्या का प्रयास किया. पीड़िता की मां और भाभी को जबरन घर से उठाया समझौते का दबाव बनाया गया.

जयपुर- आमेर में स्कूल जा रही 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग से गैंगरेप किया गया.

जयपुर- विद्याधर नगर थाना क्षेत्र में एक तांत्रिक बाबा ने मां और फिर बेटी के साथ दुष्कर्म किया.

सिरोही- यहां 6 साल मासूम की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी.

अजमेर- जिले में दलित महिला के साथ गैंगरेप किया गया. खेत में ले जाकर मुंह में कपड़ा ठूंसकर रेप किया गया था.

बारां- जिले में 2 नाबालिग बहिनों के साथ बहला फुसलाकर रेप की घटना को अंजाम दिया गया था. पुलिस ने आरोपों को नकारा था.

यह सच है कि किसी भी सभ्य समाज में बलात्कार जैसे कुकृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता लेकिन ऐसे गिद्ध और अवसरवादी राजनेताओं और मीडिया का कृत्य भी नैतिक नहीं कहा जा सकता जो बलात्कार जैसी घटनाओं पर सिलेक्टिव रुख रखते है।

बहरहाल.. देश की हर बलात्कार पीडित बेटी इस इंतजार में है कि उसके लिए भी कोई इंसाफ की लडाई लडेगा.. काश सलेक्टिव मीडिया व नेताओं का जमीर देश की हर बलात्कार पीडिता के लिए जिंदा हो जाऐ..

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